नवीनगर के जयपुर में 15 अप्रैल तक चलेगा महायज्ञ
मां काली व श्री हनुमान की प्रतिमाओं की होगी प्राणप्रतिष्ठाप्रतिनिधि, औरंगाबाद शहर.
नवीनगर के जयपुर में गुरुवार से जलभरी के साथ शत्रुंजय शतचंडी महायज्ञ का शुभारंभ अत्यंत धार्मिक और भव्य वातावरण में हुआ. यह छह दिवसीय आयोजन 15 अप्रैल तक चलेगा, जिसमें वैदिक विधि-विधान से मां काली और श्री हनुमान की प्रतिमाओं की प्राणप्रतिष्ठा भी की जायेगी. जलभरी यात्रा में श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बना. यह पवित्र जलयात्रा श्रद्धा, भक्ति और समर्पण का अद्भुत संगम रही. जयपुर गांव से शुरू होकर यात्रा मुख्तारपुर, धनीबार, सुंदरगंज होते हुए बटाने नदी तक पहुंची, जहां से वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पवित्र जल संग्रह किया गया. इस जल का उपयोग यज्ञ में आहुति के लिए किया जायेगा. जलयात्रा में सैकड़ों की संख्या में महिलाओं ने पारंपरिक वस्त्रों और मंगलगीतों के साथ कलश उठाया. ढोल-नगाड़ों और शंखनाद की गूंज से पूरा क्षेत्र गूंज उठा. इस आयोजन की शुरुआत काशी विश्वनाथ मंदिर के प्रधान अर्चक डॉ श्रीदेव मिश्र के आचार्यत्व में की गयी. उन्होंने वैदिक परंपराओं के अनुसार कलश पूजन, गणपति पूजन और मंडप प्रवेश कराया. डॉ मिश्र ने बताया कि यह यज्ञ आत्मिक शांति, सामाजिक समरसता और प्रकृति संतुलन के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है.शाम में कथा व रासलीला से आध्यात्मिक वातावरणशाम को आयोजन स्थल पर कथा वाचिका देवी ऋचा मिश्रा की ओर से श्रीरामचरितमानस और भागवत आधारित प्रवचन का आयोजन किया गया. उनकी मधुर वाणी और भावपूर्ण कथा ने श्रोताओं को भक्ति के रस में डूबो दिया. उन्होंने भक्तों को धर्म, प्रेम और सेवा के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी. साथ ही वृंदावन की प्रसिद्ध रासलीला मंडली की ओर से श्रीकृष्ण जीवन लीला पर आधारित झांकियों का आयोजन किया गया. जयपुर के इलाके में इस महायज्ञ को लेकर उत्सव जैसा माहौल है. हर वर्ग, हर उम्र के लोग सेवा में लगे हैं, चाहे वह यज्ञशाला की व्यवस्था हो या भोजन प्रसाद की तैयारी. महिलाएं मंगल गीतों से वातावरण को पवित्र कर रही हैं, तो युवा वर्ग आयोजन के संचालन में भागीदारी निभा रहा है.
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