औरंगाबाद शहर. मंगलवार को व्यवहार न्यायालय में एडीजे सात निशित दयाल ने दाउदनगर थाना कांड संख्या 337/22 में सुनवाई करते हुए तीनों अभियुक्तों को सजा सुनायी है. एपीपी अशोक कुमार सिंह ने बताया कि अभियुक्त व दाउदनगर के अंजान शहीद निवासी आदिल अंसारी, नालबंद टोला निवासी विकास कुमार और माली टोला निवासी रियाज हजाम को भादंवि की धारा 302/34 में आजीवन कारावास और 50 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी है. जुर्माना नहीं भरने पर एक साल अतिरिक्त साधारण कारावास होगी. सजा के बिंदू पर सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष ने कहा कि अभियुक्तों का यह पहला अपराध है और अभियुक्तगण कम उम्र के है इसलिए कम से कम सजा दी जाये. एपीपी अशोक कुमार सिंह ने कहा कि यह बात सही है कि अभियुक्त सभी कम उम्र के है मगर इन्होंने योजनाबद्ध तरीके से अपने से कम उम्र के किशोर को चाकू से गोद कर हत्या की है यह घटना समाज में क्षमा योग्य नहीं है और ऐसी घटना समाज को चिंतित करता है. अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि प्राथमिकी सूचक नालबंद टोला निवासी दिनेश यादव ने 20 जून 2022 को अभियुक्तों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी थी, जिसमें कहा था कि रात आठ बजे उनके किशोर पुत्र अक्षय कुमार को फोन कर अभियुक्त विकास कुमार घर से बाहर बुलाया और शांति भवन ले जाकर अन्य अभियुक्तों के साथ चाकू से गोदकर बुरी तरह से घायल कर दिया. शोरगुल की आवाज पर परिवार के अन्य सदस्यों के साथ घटनास्थल पहुंचे तो अभियुक्तों को चाकू के साथ भागते देखा. अक्षय कुमार को अनुमंडलीय अस्पताल दाउदनगर ले गये, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया. ज्ञात हो कि अभियुक्तों को इस घटना में इसी माह चार जुलाई को दोषी करार दिया गया था. बड़ी बात यह है कि इस वाद की सुनवाई महज दो साल में पूरी की गयी.
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