हसपुरा. औरंगाबाद शहर के एक निजी क्लिनिक में प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत होने का मामला प्रकाश में आया है. घटना किस परिस्थिति में हुई यह स्पष्ट नहीं हो सका है. जब महिला का शव हसपुरा प्रखंड के डुमरा पंचायत के महुली गांव में पहुंचा तो कोहराम मच गया. मृतका की पहचान महुली गांव निवासी अरविंद कुमार की पत्नी 28 वर्षीय शिल्पी देवी के रूप में हुई है. वैसे घटना 19 सितंबर की रात 11 बजे के करीब की बतायी जा रही है. बताया जाता है कि शिल्पी प्रसव पीड़ा से ग्रसित थी. जब उसे दर्द होने लगा तो परिजन उसे इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया. नार्मल प्रसव नहीं होने की स्थिति में उसे डॉक्टरों ने रेफर कर दिया. जानकारी मिली कि परिजन उसे औरंगाबाद के एक निजी क्लिनिक में ले गये, जहां प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत हो गयी. उक्त निजी क्लिनिक में महिला का ऑपरेशन किया गया था. एक बच्ची का जन्म हुआ, लेकिन एक घंटे के भीतर ही दोनों की मौत हो गयी. मृतक अपने पीछे पांच वर्षीय पुत्र अक्षय कुमार और तीन वर्षीय पुत्री अल्फा कुमारी को छोड़ गयी है. इधर, घटना की जानकारी मिलते ही ग्राम कचहरी डुमरा के सरपंच प्रतिनिधि श्याम किशोर यादव महुली पहुंचे और पीड़ित परिजनों से मिलकर ढांढ़स बंधाया. ज्ञात हो कि औरंगाबाद शहर में कुकुरमुत्ते की तरह अवैध निजी नर्सिंग संचालित हो रहे है. कब किसकी मौत हो जाए कहा नहीं जा सकता. बहुत से मौत के बाद हंगामें के आसार बनते है और बहुत की घटना के बाद परिजन चुपचाप घर चले जाते है. यह भी ज्ञात हो कुछ दिन पहले ही औरंगाबाद सिविल सर्जन डॉ लालसा सिन्हा के निजी क्लिनिक में प्रसव के दौरान ही महिला और उसके गर्भ में पल रहे जुड़वा बच्चे की मौत हो गयी थी. घटना के बाद बवाल का दौर अभी थमा भी नहीं है. बड़ी बात यह है कि स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही व मनमानी की वजह से अवैध धंधा फल-फूल रहा है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

