मौसम की मार. बे-मौसम बारिश से धान और सब्जी फसल की बर्बादी पशुपालक गंभीर रूप से परेशान प्रतिनिधि, औरंगाबाद/कुटुंबा. बंगाल की खाड़ी से उठा चक्रवाती तूफान धान व सब्जी की फसल पर कहर बरपा रहा है. पशुपालक अपने पशुओं के रखरखाव करने में गंभीर रूप से परेशान हैं. रविवार से ही जिले में तूफान का असर दिखने लगा है. उस दिन से आसमान में बादल उमड़-घुमड़ रहे हैं. मंगलवार की शाम से बारिश की दौर शुरू हो गयी है. बुधवार से मोंथा तूफान रफ्तार पकड़ लिया है. गुरुवार को भी रूक-रूक बारिश होती रही. मौसम वैज्ञानिक डॉ अनूप कुमार चौबे ने बताया कि आज शुक्रवार को भी औरंगाबाद सहित पूरे बिहार में तूफान का कहर रहेगा. हवा के झोंके के साथ कभी थमकर, तो कभी जमकर बारिश होने की संभावना है. तूफान के प्रभाव से वातावरण के तापमान में कमी आयेगी. हवा में नमी व आदर्ता बनी रहेगी. ठंड का असर रहेगा. आसमान में छाये रहेंगे हल्के बादल मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि शनिवार को भी आसमान कहीं हल्के, तो कहीं गहरे बादल छाये रहेंगे. इस बीच बूंदा-बूंदी बारिश से इंकार नहीं किया जा सकता है. चक्रवाती के बाद जब आसमान साफ होगा, तब मौसम के तापमान में दो से चार डिग्री तक कमी आयेगी. उन्होंने बताया कि अगले सप्ताह से रात में ठंड पड़ने लगेगी. दिन में भी सुबह व शाम के पहर ठंड का असर दिखेगा. तूफान से फसल के सेहत पर पड़ा असर चक्रवाती मोंथा तूफान को गंभीर रूप धारण करने से फसल के सेहत पर काफी असर पड़ा है. हवा के साथ बारिश से बधार में लहलहाती धान की फसल जमीन पर गिरकर तहस-नहस हो गयी है. टमाटर, बैंगन व फूलगोभी प्रजाति की फसल तथा आलू को काफी नुकसान हुआ है. मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि बाली में दाना भरने से पहले जो धान की फसल जमीन पर गिर गयी है, इससे उत्पादन पर असर पड़ेगा. ठंडी पड़ने पर पिछात रोपाई की गयी धान की फसल के पौधों से बाली निकलने में संदेह है. उन्होंने बताया कि बारिश खुलने के बाद मौसम के तापमान में वृद्धि होने पर धान व रबी की फसल में रोग और कीट व्याधि की आशंका बनी रहती है. विदित हो कि तूफान से सुदूर ग्रामीण इलाके की सड़क कीचड़ से लथपथ हो गयी है. ऐसे में लोगों को आवागमन करने में परेशानी हो रही है. सबसे अधिक दिक्कत अंबा बाजार की सड़कों से गुजरने में हो रही है.
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