औरंगाबाद शहर. औरंगाबाद किशोर न्याय परिषद के प्रधान दंडाधिकारी सह एसीजेएम न्यायाधीश सुशील प्रसाद सिंह ने मंडल कारा अधीक्षक को शो-कॉज किया है और कहा है कि सात दिनों के अंदर अपना स्पष्टीकरण सदेह उपस्थित होकर किशोर न्याय बोर्ड में प्रस्तुत करें. अन्यथा राज्य सरकार से उचित कार्यवाही के लिए मामला अग्रसरित किया जायेगा. अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि जेजेबी वाद संख्या -981/25 में 28 फरवरी 2025 को ही एक किशोर को विधि विवादित किशोर घोषित कर पर्यवेक्षण गृह गया भेजने का आदेश दिया गया था. किशोर न्याय बोर्ड की टीम प्रधान दंडाधिकारी के नेतृत्व में मंडल कारा का निरीक्षण कर रही थी तो पाया कि विधि विवादित किशोर घोषित किया गया किशोर सहित विभिन्न वार्डों में 14 ऐसे किशोर है जो प्रथम दृष्टया देखने पर किशोर प्रतित होते हैं. मंडल कारा अधीक्षक को आदेश दिया गया है कि मंडल कारा में संसीमित सभी किशोरों को एक साथ एक वार्ड में रखने के आदेश का तामिला अतिशिघ्र करवाया जाएं तथा जेजेबी वाद-981/25 में विधि विवादित किशोर को अभी तक पर्यवेक्षण गृह गया न भेजने पर किशोर के हित हनन करने पर, आदेश के अवमानना करने पर, कर्तव्य में घोर लापरवाही करने पर सात दिनों के अंदर अपना स्पष्टीकरण सदेह उपस्थित होकर किशोर न्याय बोर्ड औरंगाबाद में प्रस्तुत करें. इस आदेश की एक प्रतिलिपि अपर पुलिस महानिरीक्षक, गृह एवं कारा पटना को भेजी जा रही है.
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