औरंगाबाद कार्यालय.
सात मार्च को औरंगाबाद जिले के बारुण में अध्यात्मिक गुरु व आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक गुरुदेव श्रीश्री रविशंकर का आगमन होगा. यूं कहे कि शुक्रवार को उक्त कार्यक्रम में अध्यात्म की धारा बहेगी. श्रीश्री के कार्यक्रम की तैयारी युद्ध स्तर पर चल रही है. आयोजन को ऐतिहासिक बनाने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है. बुधवार को आयोजन स्थल पर एक प्रेसवार्ता कर कार्यक्रम से संबंधित जानकारी साझा की गयी. पूर्णकालिन ध्यान प्रशिक्षक नीतीन कुमार शर्मा और प्रशिक्षिका संगीता सिन्हा ने बताया कि गुरुदेव के कार्यक्रम को लेकर भक्तों में उत्साह का माहौल बन गया है. 80 फुट के विशाल मंच से वे भक्तों के बीच ज्ञान की गंगा प्रवाहित करेंगे. 350 फुट चौड़ा और 700 फुट लंबा पंडाल तैयार किया जा रहा है, जिसमें सुचारू रूप से बैठने की व्यवस्था की गयी है. हर भक्त को गुरुदेव के दर्शन सहज रूप से प्राप्त हो इसके लिए पंडाल में जगह-जगह एलइडी स्क्रीन लगायी जा रही है. भक्तों के दर्शन के अनुभव को और विशेष बनाने के लिए पंडाल के मध्य 250 फुट लंबा रैंप बनाया गया है. रैंप के माध्यम से गुरुदेव अंतिम छोर तक बैठे भक्तों को आशीर्वाद व दर्शन देंगे. नीतीन ने बताया कि आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर मूल सोमनाथ ज्योर्तिलिंग के पवित्र अवशेषों का अनावरण करेंगे जो एक हजार वर्ष बाद मिले है. यह दिव्य आवरण भक्तों के लिए एक अत्यंत दुर्लभ और पावन अवसर होगा. प्रेस वार्ता में तरुण राय, कुणाल कुमार, अंकित कुमार, अनिल कुमार, रेखा कुमारी आदि मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है