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Aurangabad News: सूर्य राघव महोत्सव में दिखी कला, संस्कृति व भक्ति की छटां

Aurangabad News:दो दिवसीय सूर्य राघव महोत्सव संपन्न, स्थानीय प्रतिभाओं ने मनवाया लोहा

सौरभ कुमार सिंह, नवीनगर

कला, संस्कृति और श्रद्धा के अद्भुत संगम के रूप में आयोजित दो दिवसीय सूर्य राघव महोत्सव का समापन भव्यता के साथ शनिवार को हुआ. नवीनगर प्रखंड के बड़ेम गांव स्थित श्री सूर्य राघव मंदिर प्रांगण में आयोजित इस महोत्सव ने आस्था और संस्कृति का अद्भुत नजारा प्रस्तुत किया. बिहार सरकार के कला, संस्कृति एवं युवा विभाग और जिला प्रशासन के सौजन्य से आयोजित इस महोत्सव की शुरुआत बिहार गीत से हुई, जिसने स्थानीय जनता को सांस्कृतिक चेतना से जोड़ने का प्रयास किया. इस महोत्सव का उद्घाटन बीडीओ अरुण कुमार सिंह, सूर्य राघव न्यास समिति के अध्यक्ष संजीव कुमार सिंह और सीओ सुबोध कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर एवं फीता काटकर किया. इस अवसर पर सूर्य राघव न्यास समिति के सदस्यों ने अतिथियों का शॉल, पौधा और मोमेंटो देकर सम्मान किया. अतिथियों ने इस आयोजन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सूर्य राघव मंदिर ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है. यह महोत्सव संस्कृति के संरक्षण, प्रतिभाओं को मंच प्रदान करने और लोक कलाओं को बढ़ावा देने का एक सशक्त माध्यम बना.

नृत्य-संगीत से गूंजा आयोजन स्थल

महोत्सव में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. साकार कलाकृति समूह के कलाकारों ने आकर्षक नृत्य प्रस्तुत किये. कलाकार तान्या मौआर और सुजीत कुमार पाल की प्रस्तुतियों ने समां बांध दिया. स्कूली बच्चों ने मोहित, हैप्पी, हर्षिता, हेमा कुमारी और जय किशन के नेतृत्व में नृत्य और संगीत की मोहक प्रस्तुति दी. प्रसिद्ध गायिका तान्या और दानिका टीम ने अपनी सुमधुर आवाज से लोगों का मन मोह लिया. वहीं बड़ेम मध्य विद्यालय के छात्रों ने एकल नृत्य प्रस्तुत किया, जबकि ड्रीमलैंड स्कूल, उरदाना के विद्यार्थियों ने सामूहिक गीत गाया. जेएन जैन स्कूल, रहरा के छात्रों द्वारा रामायण पर आधारित नाटक प्रस्तुत किया गया, जिसने धार्मिकता और संस्कृति की झलक दी. उरदाना मध्य विद्यालय और चरण के छात्रों ने सामूहिक नृत्य कर दर्शकों का दिल जीत लिया.

प्रतियोगिताओं से निखरी प्रतिभाएं

महोत्सव में छात्र-छात्राओं के लिए मेहंदी और पेंटिंग प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया गया. इन प्रतियोगिताओं ने बच्चों की रचनात्मकता को उभारने की कोशिश की. सभी प्रतिभागियों को सम्मानित कर उनकी प्रतिभा को सराहा गया. आयोजन में प्रो सुनील बोस, जगत सिंह, शिक्षक धनंजय कुमार सिंह, राजेश कुमार सिंह, मनीष कुमार सिंह, आनंद कुमार सिंह, रंजीत कुमार सिंह, रमेश कुमार सिंह और विकास कुमार सिंह प्रमुख रूप से शामिल हुए. सभी अतिथियों ने इस महोत्सव की सराहना की और इसे संस्कृति एवं परंपराओं के संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया.

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