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Aurangabad News : पंचायत स्तर पर लगाये गये स्वचालित वर्षा मापी यंत्र बनी शोभा की वस्तु

Aurangabad News : जिले में प्रखंड स्तरीय 11 ओआरजी व पंचायतों में 204 लगाया गया एआरजी वर्षा मापी यंत्र

औरंगाबाद/कुटुंबा. सरकार की कई उपयोगी योजनाएं देखरेख के अभाव में शोभा की वस्तु बनकर रह गयी है. अर्थ एवं सांख्यिकी निदेशालय की योजना एवं विकास विभाग द्वारा पंचायतों में लगाये गये स्वचालित वर्षा मापी यंत्र का कोई देखनहार नहीं है. उक्त यंत्र काम कर रहा है या नहीं इसके बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता है. विभाग को इस यंत्र के जरिये रिपोर्ट मिल रही है या नहीं, यह भी पता नहीं है. कई पंचायत में इस यंत्र की स्थिति बेहद खराब है. सूही पंचायत के सूही गांव में दधपा पंचायत के परसा टोल रामपुर गांव में लगा यह यंत्र लावारिस घांस से ढंका हुआ है. स्थानीय नागरिक बताते हैं कि यंत्र लगाने के बाद से आज तक इसकी मेंटेनेंस व सफाई नहीं की गई है. यहां तक कि इसके जालीदार गेट कभी ताला भी नहीं खुला है. इसके लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों से संपर्क करने का प्रयास भी किया गया पर पहल नहीं हुई. जिस एजेंसी द्वारा यह यंत्र लगाया गया है, उसके द्वारा भी इसके रखरखाव की दिशा में कोई खास कदम नहीं उठाया गया है. जानकारी के अनुसार, पंचायतवार बारिश की सही रिपोर्ट योजना एवं विकास विभाग को उपलब्ध हो सके इस उद्देश्य से विभिन्न पंचायतों में स्वचालित वर्षा मापी यंत्र लगाया गया था. उस समय किसानों को बताया गया था कि यंत्र प्राप्त आंकड़ों के आधार पर बाढ़, सुखाड़ और जलवायु परिवर्तन का सही आकलन किया जा सकेगा. यह भी जानकारी दी गयी थी कि पहले प्रखंड स्तर पर मैनुअल वर्षा की माप की जाती थी. इसमें कई तरह की त्रुटियां रह जाती थी और बारिश का सही आकलन नहीं हो पाता था. इससे निबटने के लिए निदेशालय द्वारा स्वचालित वर्षा मापी यंत्र लगाया गया था. यह यंत्र ऑटोमेटिक है. इसमें सोलर पैनल व सेंसर लगा हुआ है. इंटरनेट के माध्यम से यह कनेक्ट होता है.बारिश होने ऐन वक्त यह यंत्र विभाग को रैनफॉल रिपोर्ट उपलब्ध करा देता है. इससे प्राप्त रिपोर्ट शत प्रतिशत सही होता है. इसके बावजूद जब यंत्र का रखरखाव ही न हो रहा हो, तब यंत्र कितना कारगर साबित होगा. इसके बारे में कुछ भी कहना उचित प्रतीत नहीं होता है. शुरूआती दौर में यह बताया गया था कि यंत्र के समीप झाड़-फनूस नहीं होना चाहिए, पर स्थिति यह है कि पूरा का पूरा यंत्र झाड़-फनूस से ढका रहता है. इधर, सूही गांव स्थित यंत्र के आसपास की झाड़ी को ग्रामीण ने खुद से सफाई करायी थी. स्थानीय कौशल कुमार, दुर्गेश कुमार व अर्जुन पासवान आदि ग्रामीणों ने इस ओर संबंधित विभाग के अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराते हुए सिस्टमैटिक रखरखाव करने की मांग की है.

क्या बताते हैं एसएसओ

इस संबंध में एसएसओ ब्रजेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि जिले के विभिन्न प्रखंडों में 11 ओआरजी तथा पंचायत स्तर पर 204 एआरजी वर्षा मापी यंत्र लगाया गया है. ओआरजी साधारण वर्षा मापी यंत्र का रखरखाव जिला सांख्यिकी विभाग के स्तर से किया जाता है. एआरजी का मेंटेनियस राज्य स्तर से करने का प्रावधान है. इसके लिए विभाग हर समय तटस्थ रहता है. हल्की खराबी होने पर स्वचालित वर्षा मापी यंत्र को नियत समय पर ठीक करने का प्रयास किया जाता है.

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