कुटुंबा.
कुटुंबा थाना क्षेत्र के निशुनपुर गांव में मंगलवार को एक गली में एक कुत्ता नवजात के शव को मुंह में दबाये दिखा. ग्रामीणों की नजर जब कुत्ते पर पड़ी, तो उन्होंने पत्थर मारकर कुत्ते को भगाया. इसके बाद नवजात को छुड़ाया गया. हालांकि तबतक कुत्ते ने नवजात के आधे अंग को आहार बना लिया था. इधर कुत्ते ने आधे शव धनंजय मेहता के दरवाजे के समीप आम रास्ता पर छोड़ दिया. ऐसे में ग्रामीणों को आवागमन में भी काफी परेशानी हुई. वहीं, अपने दरवाजे पर नवजात के शव पर नजर पड़ते ही धंनजय के परिजन सकते में आ गये. यहीं नहीं कुछ देर तक उस जगह आसपास में अफरा-तफरी मच गयी. ग्रामीणों द्वारा इसकी सूचना अस्पताल प्रबंधन को दी गयी. हालांकि, अस्पताल प्रबंधन उक्त मामले में काफी देर तक हरकत में नहीं आया. इसके बाद ग्रामीणों ने इसकी सूचना पुलिस को दी. कुटुंबा थाना की पुलिस मौके पर पहुंच कर मामले के छानबीन में जुट गयी. गौरतलब है कि कुटुंबा प्रखंड क्षेत्र के यह पहली घटना नहीं है.कई बार इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं. प्रखंड में कई ऐसे अस्पताल संचालित हो रहे हैं, जहां धड़ल्ले से अबॉर्शन कराया जाता है. प्रसव के बाद लोग नवजात शिशु को इधर-उधर फेंक देते हैं. पूर्व में भी इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं.क्या बताते हैं अफसर
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ आकांक्षा सिंह ने बताया कि इस तरह की घटना अस्पताल में नहीं हुई है. यहां एक व्यक्ति मृत नवजात का शव लेकर पहुंचा था. वह अस्पताल के रजिस्टर में एंट्री करने को बोल रहा था. मृत नवजात का इंट्री नहीं किया गया था. वैसे अस्पताल में लगे सीसीटीवी कैमरे फूटेज को खंगाला जा रहा है, ताकि किसी संदिग्ध की पहचान हो सके. इधर, प्रभारी थानाध्यक्ष अजीत शर्मा ने बताया कि पुलिस अस्पतालों और नर्सिंग होम से संपर्क कर घटना की तहकीकात करने में जुटी है. उन्होंने बताया कि यह जघन्य अपराध है. मामले में कार्रवाई की जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है