औरंगाबाद कार्यालय.
औरंगाबाद जिले के सबसे बड़े अस्पताल सदर अस्पताल यानी मॉडल अस्पताल में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. पहले से ही समस्याओं से जूझ रहे अस्पताल की चिकित्सकीय व्यवस्था राजनीति की भेंट चढ़ गया है. उपाधीक्षक डॉ सुरेंद्र कुमार सिंह निशाने पर है. यूं कहे कि अस्पताल के डॉक्टरों को राजनीति का चस्का लग गया है. उपाधीक्षक को हटाने के लिए अलग-अलग हथकंडे अपनाये जा रहे है.एक डॉक्टर ने जिलाधिकारी को उपाधीक्षक को हटाने और पूर्व उपाधीक्षक को नियुक्त करने से संबंधित अनुरोध पत्र दिया है. आश्चर्य की बात तो यह है कि डीएम को दिये अनुरोध पत्र में एक ही तरह का हस्ताक्षर होना राजनीति को हवा देता है. सूत्रों से जानकारी मिली कि अनुरोध पत्र पर एक ही व्यक्ति ने तमाम डॉक्टरों का हस्ताक्षर किया.क्या है डीएम को सौंपे गये अनुरोध पत्र में
अनुरोध पत्र में डॉ सुभाष सिंह, डॉ उदय कुमार, डॉ रविभूषण, डॉ अभिषेक कुमार, डॉ मो खालिद सहित अन्य कई डॉक्टरों का हस्ताक्षर है. डीएम को लिखे अनुरोध पत्र में कहा गया है कि सदर अस्पताल की कार्य प्रणाली दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है. वर्तमान उपाधीक्षक अस्पताल के सुचारू संचालन के लिए कोई भी समाधान नहीं निकाल पाये है. इसकी वजह से मरीजों व डॉक्टरों के बीच रोजाना टकराव हो रहा है. वर्तमान उपाधीक्षक सबसे कनिष्ठ है, लेकिन अनुभव नहीं है. संकट की स्थिति को संभालने में सक्षम नहीं है. ऐसे में पूर्व उपाधीक्षक डॉ आशुतोष कुमार सिंह को उपाधीक्षक के रूप में नियुक्त किया जाये. अनुरोध पत्र में यह भी लिखा है कि जिस मामले में डॉ आशुतोष पर झूठा आरोप लगाया गया था उसमें उन्हें राहत मिल गयी है और फिलहाल उनके खिलाफ कोई न्यायिक कार्यवाही नहीं चल रही है. यहां तक कि एसडीपीओ की जांच पर्यवेक्षण रिपोर्ट में उन्हें दोषी नहीं पाया गया है.कई डॉक्टरों का ऑडियो वायरल, हस्ताक्षर से किया इंकार
डॉ प्रदीप कुमार, डॉ खालिद, डॉ विनेश, डॉ उदय कुमार, डॉ अरुण कुमार, डॉ सुभाष कुमार सहित हस्ताक्षर करने वाले अन्य डॉक्टरों से संबंधित ऑडियो भी वायरल है. तमाम डॉक्टरों ने अनुरोध पत्र पर हस्ताक्षर करने से इन्कार किया है. उन्हें पता भी नहीं कि उपाधीक्षक के खिलाफ डीएम को आवेदन दिया गया है. वायरल ऑडियो से ही पता चलता है कि उपाधीक्षक को हटाने के लिए राजनीति हो रही है.कई दिनों से चल रही गुटबाजी
सदर अस्पताल में कर्मचारियों और डॉक्टरों की गुटबाजी का नुकसान मरीजों को हो सकता है. वैसे गुटबाजी का दौर लगभग दो माह से चल रहा है. अनुरोध पत्र से पूर्व भी उपाधीक्षक की शिकायत डीएम से की गयी थी. उस वक्त भी कुछ कर्मचारियों के नाम पर फर्जी हस्ताक्षर किया गया था. पता चलने के बाद कर्मचारियों ने डीएम से मुलाकात की और अपनी व्यथा सुनायी. कर्मचारियों ने कहा था कि उन लोगों ने आंदोलन करने से संबंधित पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किया.क्या कहते हैं उपाधीक्षक
सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ सुरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि सदर अस्पताल में कुछ डॉक्टर राजनीति कर रहे है. उन्हें इलाज से मतलब नहीं है. अस्पताल की कुव्यवस्था को दूर करने के लिए जो प्रयास किये जा रहे है इससे उन्हें घबराहट महसूस हो रही है. लापरवाही और मनमानी किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जायेगी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है