ओबरा.
फेसर थाना क्षेत्र के पड़रिया गांव के 13 वर्षीय बच्चे की मौत झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही से होने का मामला प्रकाश में आया है. घटना के बाद उक्त डॉक्टर फरार हो गया है. मृत बच्चे की पहचान मंटू राम के पुत्र इंद्रजीत कुमार के रूप में हुई है. घटना मंगलवार की दोपहर की है. जानकारी के अनुसार, उक्त बच्चे का पै किसी तरह कटकर चोटिल हो गया था. दर्द की वजह से वह बुखार की चपेट में आ गया. उसके परिजनों द्वारा उसे ओबरा थाना क्षेत्र के चपरी गांव के समीप स्थित एक क्लिनिक में इलाज के लिए ले जाया गया. चर्चा है कि डॉक्टर द्वारा उसे इंजेक्शन लगाया गया. कुछ ही क्षण के बाद उसकी हालात बिगड़ने लगी. परिजनों ने आनन-फानन में उसे बेहतर इलाज के लिए ओबरा सीएचसी में पहुंचाया, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी. डॉक्टरों ने नब्ज टटोलते ही बच्चे को मृत घोषित कर दिया. इधर, घटना की सूचना मिलते ही ओबरा थानाध्यक्ष नीतीश कुमार वहां पहुंचे और शव को कब्जे में लेकर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी. परिजनों का कहना था कि क्लिनिक के संचालक डॉ उमेश कुमार द्वारा गलत इलाज किये जाने के कारण बच्चे की मौत हो गयी. हालांकि, घटना के बाद से उक्त डॉक्टर के फरार हो जाने की भी चर्चा है. थानाध्यक्ष ने बताया कि आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है. शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है. आवेदन के आलोक में आगे की कार्रवाई की जायेगी. ज्ञात हो कि ओबरा में झोलाछाप डॉक्टरों की संख्या बढ़ती जा रही है. स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से सुस्त पड़ा है. अब तक कई लोगों की जान झोलाछाप डॉक्टरों की चक्कर में पड़ने से गयी है. खासकर प्रसव पीड़ा से ग्रसित महिलाएं अधिक चपेट में आयी है. बड़ी बात यह है कि शहर से लेकर गांव-गांव तक झोलाछाप डॉक्टरों का जाल बिछा है. अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो अनगिनित लोगों की जान जा सकती है. इधर, आरोपित डॉक्टर से पक्ष जानने का प्रयास किया गया, लेकिन संपर्क नहीं हो सका.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है