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पुलिस के खिलाफ व्यवसायियों में आक्रोश, विरोध में बालूगंज बाजार बंद

दर्जनों व्यवसायी पहुंचे समाहरणालय, एसपी से लगायी न्याय की गुहार

दर्जनों व्यवसायी पहुंचे समाहरणालय, एसपी से लगायी न्याय की गुहार

औरंगाबाद/देव. पुलिस ज्यादती के खिलाफ देव प्रखंड का बालूगंज बाजार बंद रहा. व्यवसायियों ने दुकान बंद कर प्रशासन का विरोध जताया. तमाम दुकानें बंद रहीं. इधर, ढिबरा थाना क्षेत्र के बालूगंज बाजार के दर्जनों व्यवसायियों ने शुक्रवार को समाहरणालय स्थित पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर न्याय की गुहार लगायी. साथ ही व्यवसायियों ने ढिबरा थानाध्यक्ष सहित अन्य पुलिस पदाधिकारी पर गंभीर आरोप लगाये. आवेदन में उल्लेख किया है कि 17 सितंबर यानी बुधवार को ढिबरा थाने के पुलिस पदाधिकारी धर्मेंद्र यादव ने गश्ती के दौरान बाजार के मोबाइल दुकानदार जितेंद्र गुप्ता एवं एक निजी कंपनी के कर्मचारी के साथ बाइक हटाने को लेकर विवाद हुआ था. इसके बाद कर्मचारी की बाइक को पुलिस पदाधिकारी धर्मेंद्र यादव द्वारा जबरन थाने लेकर चले गये. पुलिस की इस बर्बरता से क्षुब्ध होकर व्यवसायियों ने बालूगंज बाजार में ही पुलिस के विरुद्ध नारेबाजी की व विरोध किया. सूचना पर ढिबरा थाने के पुलिस पदाधिकारी द्वारा व्यवसायियों को फोन कर धमकाया गया और प्रदर्शन को तत्काल बंद करने की बात कही गयी. व्यवसायियों ने दूसरे दिन भी बाजार बंद करने का निर्णय लेकर अपनी दुकानें बंद रखी. सूचना पर ढिबरा थाने के प्रभारी थानाध्यक्ष पवन कुमार व्यवसायियों पर पुलिस दबिश बढ़ाने की नीयत से बाजार में पहुंचे और व्यवसायी राजा सोनी को पकड़कर थाना ले गये. बाद में पता चला कि उन पर मुकदमा दर्ज किया गया. विरोध करने वाले विभिन्न व्यवसायियों का नाम वीडियो व फुटेज के आधार पर नामजद व अज्ञात लोगों को डाल दिया गया जो पूरी तरह फर्जी है. सभी व्यवसायियों का दावा है कि उक्त मुकदमे की निष्पक्ष जांच की जाये. जांच के क्रम में सभी व्यवसायी उक्त मुकदमे को फर्जी साबित करने के लिए सबूत भी उपलब्ध कराने में सक्षम है. पुलिस द्वारा जितने भी आरोप लगाये गये हैं वह बेबुनियाद और निराधार है. वैसे सभी व्यवसायियों ने ढिबरा थानाध्यक्ष रितेश उपाध्याय, प्रभारी थानाध्यक्ष पवन कुमार, पुलिस सहायक अवर निरीक्षक धर्मेंद्र यादव व आमोद सहित अन्य पुलिस अधिकारियों पर शुरू से ही बालूगंज बाजार में तानाशाही रवैया के साथ व्यवहार करने का आरोप लगाया है.

पुलिस ने दर्ज की प्राथमिकी,कई बने आरोपित

इधर, ढिबरा थाने के पुलिस अवर निरीक्षक धर्मेंद्र यादव द्वारा भी प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. आवेदन के आधार पर 11 नामजद और 50-60 लोग अज्ञात आरोपित बने है. इनमें अंकित कुमार, रितिक कुमार, सौरभ कुमार, हिमांशु कुमार, ब्रजेश कुमार, रवि राज कुमार, राहुल कुमार, राजा सोनी, संतोष कुमार, महेंद्र प्रसाद एवं जितेंद्र यादव शामिल है. आवेदन में उल्लेख किया है कि 17 सितंबर को बालूगंज दुर्गा स्थान के समीप वाहन चेकिंग अभियान चलाया जा रहा था. ओबरा दुर्गा चौक निवासी जयप्रकाश कुमार की बाइक चेकिंग के दौरान हेलमेट और पॉल्यूशन फेल पाया गया. इसके बाद फाइन काटने को बोला गया, तो उसके द्वारा विरोध किया जाने लगा. इसके बाद वाहन को थाने ले गये. बालूगंज बाजार के ही कुछ लोग सड़क पर टायर जलाकर विरोध प्रदर्शन करने लगे. सरकारी वाहन को भी रोक कर हंगामा किया. ड्यूटी में तैनात महिला सिपाही के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया. आक्रोशितों द्वारा पुलिस के साथ हाथापाई की गयी व जान मारने की नीयत से जयप्रकाश कुमार, अंकित कुमार व सौरभ कुमार द्वारा गला दबाने का प्रयास किया गया. पुलिस अवर निरीक्षक धर्मेंद्र यादव बेहोश हो गये. इसके बाद देव में इलाज भी कराया गया. स्थानीय चौकीदार एवं वीडियो के माध्यम से सभी लोगों की पहचान भी की गयी है. ढिबरा थानाध्यक्ष रितेश उपाध्याय ने बताया कि मामले को लेकर प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. 11 लोगों को नामजद आरोपित बनाया गया है, जिसमे एक को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. बेवजह व्यवसायियों द्वारा मामला को तूल दिया गया है. फिलहाल मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है.

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