सांप काटने के बाद घंटों तक चला अंधविश्वास का खेल, जान गयी तो किशोर को पहुंचाया अस्पताल
औरंगाबाद/रफीगंज. रफीगंज थाना क्षेत्र के नइकी गांव में 16 वर्षीय किशोर की मौत सांप के काटने से हो गयी. किशोर की पहचान रफीगंज थाना क्षेत्र के सिहुली पंचायत के नईकी गांव निवासी स्वर्गीय कामेंद्र दास के पुत्र जीतू कुमार के रूप में हुई है. जीतू घर में सोया था. शनिवार की अहले सुबह तीन बजे के करीब एक सांप उसके कमरे में घूसा और बेड पर चढ़कर काट लिया. जीतू के शोरगुल मचाने के बाद परिजन वहां पहुंचे और अफरा-तफरी के बीच उसे अस्पताल न लेजाकर झाड़-फूंक के लिए ओझा के पास पहुंचाया. कई घंटों तक झाड़-फूंक का दौर चला. जब उसकी सांसे बंद हो गयी, तो परिजन उसे लेकर सदर अस्पताल पहुंचे. वहां के डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया. अंतत: आगे की प्रक्रिया पूरी करायी गयी. जानकारी मिली कि जीतू को अगले वर्ष मैट्रिक का परीक्षा देना था. वह तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ा था. उसकी मौत के बाद परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा. वह इकलौता पुत्र था. बड़ी बात यह है कि दो माह पहले ही उसके पिता की मौत हर्ट अटैक से हो गयी थी.गांव-गांव चला अंधविश्वास का खेल
जीतू की मौत के पीछे अंधविश्वास कारण बनी है. अगर उसे समय पर अस्पताल पहुंचाया जाता तो उसकी जान बच सकती थी. जानकारी मिली कि लगभग आठ से 10 घंटे तक उसके परिजन उसे लेकर ओझा के पास दौड़ते रहे. मखदुमपुर के बाद जनकोप, जनकोप के बाद राजपुर यानी तीन-तीन गांवों में ओझा के पास झाड़-फूंक कराया गया. जब स्थिति गंभीर हो गयी तो परिजनों को इलाज की सूझी. हालांकि, तब तक सबकुछ खत्म हो गया था. कुछ लोगों की माने तो आठ से 10 घंटे तक जीतू का झाड़-फूंक कराया गया. बड़ी बात यह है कि सुदूरवर्ती गांवों में आज भी लोग अंधविश्वास को बढ़ावा दे रहे है. दवा व इलाज के बजाय झाड़-फूंक पर भरोसा कर रहे है. हाल के दिनों में एक दर्जन के लगभग लोगों की जान सांप के काटने से गयी. अधिकांश मौत में झाड़-फूंक कारण बना.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

