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सीएस ने चार अल्ट्रसाउंड केंद्रों को बंद करने का दिया था आदेश

सीएस ने चार अल्ट्रसाउंड केंद्रों को बंद करने का दिया था आदेश 28 दिन बाद भी आदेश की अवहेलना जांच में त्रुटि मिलने पर बंद कराने के लिए पीएचसी के अधिकारियों को भेजा गया था पत्र फोटो नंबर-15,16,17,परिचय-इन अल्ट्रासाउंडों को बंद करने का हुआ है आदेशदाउदनगर (अनुमंडल).वरीय अधिकारियों के आदेश की अवहेलना पीएचसी के अधिकारियों […]

सीएस ने चार अल्ट्रसाउंड केंद्रों को बंद करने का दिया था आदेश 28 दिन बाद भी आदेश की अवहेलना जांच में त्रुटि मिलने पर बंद कराने के लिए पीएचसी के अधिकारियों को भेजा गया था पत्र फोटो नंबर-15,16,17,परिचय-इन अल्ट्रासाउंडों को बंद करने का हुआ है आदेशदाउदनगर (अनुमंडल).वरीय अधिकारियों के आदेश की अवहेलना पीएचसी के अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है, इसका उदाहरण दाउदनगर के चार अल्ट्रासाउंड केंद्रों को देख कर लगाया जाता सकता है. अनुमंडल मुख्यालय में प्राइवेट स्तर पर छह अल्ट्रासाउंड केंद्र चल रहे हैं. इनमें से चार अल्ट्रसाउंड केंद्रों को त्रुटि होने के कारण बंद कराने का आदेश सिविल सर्जन द्वारा एक दिसंबर को दिया गया था. इस संबंध में पीएचसी को पत्र मिले 28 दिन बीत गये, लेकिन चारों अल्ट्रासाउंड अभी तक खुले है. डीएम ने करायी थी जांच : डीएम कंवल तनुज के आदेश पर जिला से आयी दो सदस्यीय जांच दल ने दाउदनगर के सभी छह अल्ट्रासाउंड केंद्रों की जांच की थी. दो नवंबर 2015 को एसीएमओ बबन कुंवर व ड्रग इंस्पेक्टर जय शंकर प्रसाद की टीम ने जांच करने के बाद रिपोर्ट सिविल सर्जन व डीएम को दिया था. जांच के दौरान विशाल अल्ट्रसाउंड व सीटी अल्ट्रासाउंड में ड्रेस कोड नहीं था और रिपोर्ट में चिकित्सक का नाम प्रदर्शित नहीं था. इन दोनों अल्ट्रासाउंड केंद्रों के चलानेवालों से आठ दिनों के भीतर स्पष्टीकरण मांगा गया था, जिसके जवाब में दोनों ने स्पष्टीकरण देते हुए व्यवस्थाएं कर ली थी.जिन अल्ट्रासाउंडों को बंद कराने का है आदेश : सूत्रों के अनुसार जिन चार अल्ट्रासाउंडों को बंद कराने का आदेश सिविल सर्जन द्वारा दिया गया है, उनमें जांच के दौरान व्यापक स्तर पर त्रुटियां पायी गयी है. मौलाबाग स्थित संजीवनी अल्ट्रासाउंड में मशीन का कागजात नहीं था. रिपोर्ट पर चिकित्सक का नाम नहीं था. भखरूआ तिवारी मुहल्ला स्थित ओम अल्ट्रासाउंड में चेतावनी सूचक बोर्ड नहीं पाया गया. इसी एंड पीएनडीटी का पुस्तक नहीं था. रिपोर्ट नियमित रूप से नहीं भेजा जा रहा था और दो महीने का रिपोर्ट लंबित था. इसी तरह की त्रुटि साईं अल्ट्रासाउंड में भी पायी गयी और यहां भी चिकित्सक पोशाक नहीं था. भखरूआ स्थित मां वंध्यवासिनी अल्ट्रासाउंड में भी इसी प्रकार की त्रुटियां पायी गयी. सूत्रों ने बताया कि सिविल सर्जन द्वारा दिये गये आदेश में इन चारों अल्ट्रासाउंडों को बंद कराने का आदेश देते हुए उनसे स्पष्टीकरण मांगने का भी आदेश दिया गया है कि क्यों न आपका लाइसेंस रद्द कर दिया जाये. इस आदेश का 28 दिनों के बाद भी कोई असर नहीं दिख रहा है. पीएचसी में नि:शुल्क अल्ट्रासाउंड बंद : सूत्रों के अनुसार पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट का पालन नहीं होने के कारण एक अप्रैल 2015 को पीएचसी में अल्ट्रासाउंड बंद करा दिया गया है,इसके कारण पीएचसी में नि:शुल्क अल्ट्रासाउंड बंद है. इसका लाभ प्राइवेट केंद्र वाले उठा रहे हैं. प्राइवेट केंद्रों में प्रति मरीज 650 रुपये लिये जाते हैं. —————————–”’सिविल सर्जन के आदेश के बाद सभी अल्ट्रासाउंड केंद्रों के चलानेवालों को पत्र भेज दिया गया है. उन्हें फिर से रिमाइंडर भेजा जा रहा है. डाॅ दिलचंद चौधरी, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी”’ आदेश के बावजूद चार अल्ट्रासाउंडों चलने का गंभीर मामला है. इन अल्ट्रासाउंडों प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के साथ मिल कर तत्काल छापेमारी करेंगे और वरीय पदाधिकारियों को सूचित करते हुए नियमानुसार कानूनी कार्रवाई की जायेगी.प्रेम प्रकाश दिवाकर, स्वास्थ्य प्रबंधक

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