औरंगाबाद (नगर) : शहर के शाहपुर मुहल्ले में स्थित शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय में प्राध्यापकों की कमी है. भवन जर्जर अवस्था में है. संसाधनों की भी कमी है. इससे प्रशिक्षण प्राप्त करनेवाले अभ्यर्थियों की परेशानी हो रही है. पुराने भवन में ही अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. भवन की दीवारों में दरारें आ गयीं है.
मुख्य गेट के पास वाले भवन के कुछ हिस्से जर्जर होकर ध्वस्त हो गये हैं. भवन की जर्जरता पर न तो पदाधिकारियों का ध्यान है और न ही विभाग का. जिस तरह से इस महाविद्यालय में प्रशिक्षण लेने के लिए अभ्यर्थियों की संख्या बढ़ रही है उसके मुताबिक सुविधाओं का घोर अभाव है. हालांकि इस विद्यालय में प्रत्येक सत्र में नामांकन लेने वाले अभ्यर्थियों की निर्धारित सीट 50 ही है. इस विद्यालय में जिले ही नहीं बल्कि दूसरे जिले के भी अभ्यर्थी प्रशिक्षण के लिये आते हैं. प्राचार्य सुषमा जायसवाल ने बताया कि इस विद्यालय में नियोजित शिक्षकों को दो साल की ट्रेनिंग दी जाती है. यहां प्राध्यापकों की कमी है. 10 प्राध्यापकों की जरूरत है. लेकिन, अभी तीन ही हैं. इससे काफी परेशानी हो रही है.