औरंगाबाद कार्यालय : बीजेपी चालू पार्टी है. कहती कुछ है और करती कुछ है. इससे सावधान रहने की जरूरत है. अच्छे दिन तो आकर चले गये अब बिहार को चुनावी पैकेज दिया है. इससे किसानों, बेरोजगारों व नवजवानों को कुछ भी नहीं मिलने वाला है, क्योंकि यह पैकेज जो मिला है वह चुनावी है. बीजेपी पर सीधा प्रहार उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने किया. सोमवार को औरंगाबाद के गांधी मैदान में पार्टी प्रत्याशी मुन्ना सिंह के पक्ष में चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री तमाम देशों में जा रहे है. शायद इनके कार्यकाल पूरा होने पर कुछ देश छूटेगा. लेकिन हमारे देश में पढ़ाई, रोजगार की स्थिति क्या है. बिहार व उत्तरप्रदेश पर तो इनकी चिंता ही नहीं रहती और मैं कहना चाहता हूं कि जब तक ये दोनों प्रदेश विकास नहीं करेंगे तब तक देश का विकास नहीं होगा. विकास का रास्ता उतर प्रदेश में समाजवादी पार्टी ने दिखाया है. वहां जनता के लिए कई बड़ी-बड़ी योजनाएं चलायी जा रही है.
जबकि केंद्र में पेंशन देने की योजना बनायी है, लेकिन वह योजना कब लागू होगी यह कहा नहीं जा सकता. जबकि उत्तर प्रदेश में 45 लाख महिलाओं को पेंशन दिया जा रहा है. डीएनए की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यहां बड़े जोर-शोर से डीएनए की चर्चा चल रही है. इससे यहां की जनता को क्या मिलने वाली है.
डीएनए टेस्ट करने वाले डॉक्टर को नोडल पुरस्कार मिल गया. उन्होंने कहा कि छात्रों को लैपटॉप देने की योजना हमने शुरू की. उस वक्त सभी विपक्षी पार्टियां इसकी आलोचना करते थे. आज चुनाव में शायद ही कोई ऐसी पार्टी है जो अपनी घोषणा में लैपटॉप देने की घोषणा नहीं की हो. बीजेपी डिजिटल इंडिया बनाना चाहती है. यह सब धोखा है. इससे सावधान रहने की जरूरत है. बिहार में गरीबों को घर बनाने के लिए 70 हजार रुपये मिलता है. इससे कैसा घर बनेगा. उत्तर प्रदेश में लोहिया आवास योजना के तहत तीन लाख रुपया दे रहे हैं. उन्होंने बिहार की स्थिति को सुधारने के लिए समाजवादी पार्टी प्रत्याशी को जीता कर विधानसभा भेजने का आग्रह किया.