औरंगाबाद (नगर): पिछले चार दिनों से सरकार के खिलाफ समाहरणालय के पास धरना दे रहे माध्यमिक शिक्षकों का धरना शनिवार को समाप्त हो गया. अंतिम दिन शिक्षक संघ के सचिव हजारी सिंह ने कहा कि अब सरकार के विरुद्ध आर-पार की लड़ाई शुरू होगी. जब तक वेतनमान नियोजित शिक्षकों को नहीं दे दिया जाता है, तब तक आंदोलन जारी रहेगा. जिले में मैट्रिक की उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन कार्य को ठप कराया जायेगा.
वैसे तो शिक्षकों ने सरकारी कार्य को बंद कर ही दिये हैं, जो लोग कार्य कर रहे हैं, उन्हें भी अब नहीं करने दिया जायेगा. इसके लिए क्यों न जेल जाना पड़े. सभी शिक्षक तैयार हैं. सुरेंद्र कुमार ने कहा कि पूरे बिहार के शिक्षक विद्यालय में तालाबंदी कर आंदोलनरत हैं. लेकिन, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार वार्ता करने के बजाये तानाशाही रवैया अपना रहे हैं.
परीक्षा सचिव अमिताभ रंजन ने कहा कि अगर सरकार शिक्षकों की मांग नहीं मानती है तो 28 अप्रैल को विधानसभा का घेराव किया जायेगा. इसकी शुरुआत कारगिल चौक से होगा. अनुमंडल सचिव इंद्रजीत कुमार ने कहा कि सभी शिक्षक जिले के अनुग्रह इंटर विद्यालय व टाउन इंटरविद्यालय में निर्धारित मूल्यांकन केंद्र पर धरना देंगे और सरकार की शिक्षा नीति पर चर्चा करेंगे. धरने को मधु कुमारी, रेखा कुमारी, कुमारी आशा, प्रभा, लाल मोहन सहित अन्य लोगों ने संबोधित किया.
ओबरा प्रतिनिधि के अनुसार. प्रखंड के नियोजित शिक्षकों वेतनमान की मांग को लेकर शनिवार को बीआरसी में धरना पर बैठे रहे. संघ द्वारा विद्यालय में जा कर पठन-पाठन कार्य व मध्याह्न् भोजन को बाधित किया. संघ के अध्यक्ष राकेश कुमार रंजन ने बताया कि प्रखंड में सैकड़ों विद्यालय बंद है, लेकिन नियमित शिक्षकों द्वारा मध्याह्न् भोजन का रिपोर्ट कागजों पर भेजा जा रहा है. उन्होंने बताया कि प्रखंड के महथू, कोराइपुर, देवकुली, ओबरा, सरसौली, नवनेर, घटारो, आदमा, पूर्णाडीह, सागरपुर, चातर, अहिरारी, योगी बिगहा सहित दर्जनों विद्यालयों में तालाबंदी किया गया है. उसके बाद भी मध्याह्न् भोजन का रिपोर्ट भेजा जा रहा है. संघ ने जिला शिक्षा पदाधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराते हुए इन सारी विद्यालयों की जांच कर कार्रवाई करने की मांग की है.