केशव कुमार सिंह @ औरंगाबाद
औरंगाबाद जिले के टंडवा थाने के करमालहंग गांव के रहनेवाले अक्षय कुमार सिंह उर्फ अक्षय ठाकुर के गांव में सुबह से ही लोग उस फैसले के इंतजार में हैं कि अक्षय को इस बार न्याय मिलेगा. गांव में वैसे तो टेलीविजन काफी कम घरों में है. लेकिन, जहां भी टेलीविजन है, वहां लोग फैसला सुनने को बेताब हैं.
अदालत द्वारा फांसी की सजा सुनाये जाने के बाद से ही पूरा गांव गम में डूबा हुआ है. गांव में मीडिया वालों के आने पर भी रोक लगा दी गयी है. फैसले को लेकर अक्षय की मां मालती देवी और उसकी पत्नी पुनीता देवी पूजा पाठ कर रही हैं. ग्रामीण भी भगवान से लगातार अक्षय के पक्ष फैसले को लेकर पूजा-अर्चना कर रहे हैं. मां मालती देवी को अब भगवान के सहारे की ही आस है. वह बार-बार यही कह रही है कि ”उनका लाल ऐसा घिनौना कार्य नहीं कर सकता है, उसे जरूर इंसाफ मिलेगा.”
इधर, अक्षय की पत्नी पुनीता देवी ने अपने सुहाग के दीर्घायु होने के लिए इस आस लगायी है कि उसके पति के सारे कष्ट दूर हो जायेंगे. वहीं, अदालत पर पूरा भरोसा रखे हुई है. वैसे फैसला क्या आता हैं और उसके बाद गांव का क्या माहौल होगा, वह बाद में पता चलेगा.