औरंगाबाद शहर : जिले में सोमवार को वट सावित्री पूजा धूमधाम से मनायी जायेगी. परंपरा के मुताबिक सुहागिन महिलाएं वट वृक्ष की पूजा करेंगी और अपने पति की लंबी आयु के साथ परिवार की सुख शांति की कामना करेंगी. जानकारों की मानें तो इस व्रत में ‘वट’ और ‘सावित्री’ दोनों का खास महत्व माना है. पीपल की तरह वट या बरगद के पेड़ का विशेष महत्व है. शास्त्रों के अनुसार, वट वृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु व महेश तीनों का वास है.
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वट सावित्री की पूजा आज
औरंगाबाद शहर : जिले में सोमवार को वट सावित्री पूजा धूमधाम से मनायी जायेगी. परंपरा के मुताबिक सुहागिन महिलाएं वट वृक्ष की पूजा करेंगी और अपने पति की लंबी आयु के साथ परिवार की सुख शांति की कामना करेंगी. जानकारों की मानें तो इस व्रत में ‘वट’ और ‘सावित्री’ दोनों का खास महत्व माना है. […]
इस व्रत में बरगद पेड़ के चारों ओर घूम कर रक्षा सूत्र बांधते हुए महिलाएं आशीर्वाद मांगेगी. इस अवसर पर सुहागिनों एक-दूसरे को सिंदूर लगाती हैं. इसके बाद सत्यवान और सावित्री की कथा सुनती हैं. नवविवाहिता सुहागिनों में पहली बार वट सावित्री पूजा का अलग ही उत्साह होता है. इस व्रत की तैयारी सुहागिन महिलाओं द्वारा काफी पहले से ही शुरू कर दी गयी थी.
इसको लेकर बाजार में काफी रौनक रही. रविवार को भी दुकानों में सामान खरीदतीं महिलाएं दिखी. पंखा, कपड़ा आदि की दुकानों पर देर शाम तक खरीदारी को महिलाएं डटी रहीं. शहर के कर्मा रोड स्थित बिजली विभाग के कैंपस, पुलिस लाइन, शाहपुर, सिन्हा कॉलेज, सत्येंद्र नगर, न्यू एरिया समेत अन्य मुहल्लों में बरगद के पेड़ की पूजा करने को लेकर सोमवार को महिलाएं पहुंचेंगी.
वट सावित्री के व्रत के दिन बरगद पेड़ के नीचे बैठ कर पूजन, व्रत कथा सुनने का विशेष महत्व होता है. पंडितों की मानें तो सच्ची पूजा-अर्चना से मनोकामनाएं पूरी होती है.
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