14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

खतरा : यात्रियों की जान का दुश्मन बन रही ऑटो की ओवरलोडिंग

औरंगाबाद में अधिकतर हादसों में सवारियों की ओवरलोडिंग बनती है वजह रफ्तार पर भी नहीं होता काबू, पूरी स्पीड में दौड़ाते हैं चालक कम लागत में अधिक कमाई के जुनून में न खुद की फिक्र न सवार लोगों की लोग भी कम नहीं, जल्दी पहुंचने के लिए जैसे-तैसे चलने को होते हैं राजी औरंगाबाद सदर […]

औरंगाबाद में अधिकतर हादसों में सवारियों की ओवरलोडिंग बनती है वजह

रफ्तार पर भी नहीं होता काबू, पूरी स्पीड में दौड़ाते हैं चालक
कम लागत में अधिक कमाई के जुनून में न खुद की फिक्र न सवार लोगों की
लोग भी कम नहीं, जल्दी पहुंचने के लिए जैसे-तैसे चलने को होते हैं राजी
औरंगाबाद सदर : ऑटो में सिर्फ चार सवारी बैठाने का नियम है, पर आप इससे दुगुना या फिर 10-12 लोगों को बैठे देखा होगा. जो आप तस्वीर में देख रहे हैं वह नजारा फेसर-औरंगाबाद रोड के बीच उनथू के पास का है. ओवरलोडिंग पर किया गया स्टिंग न सिर्फ प्रशासनिक अधिकारियों की जिम्मेवारी की पोल खोल रहा है, बल्कि यह प्रमाण भी दे रहा है कि ऑटो चालकों के जेहन में पुलिस, यातायात व परिवहन विभाग का तनिक भी खौफ नहीं है. यह ओवरलोडिंग जानलेवा हो सकती है, पर ऑटो चालकों को इससे कोई लेना देना नहीं है. इन दिनों सड़कों पर बिना नंबर के धड़ल्ले से ऑटो दौड़ रहे हैं. इसे ट्रैफिक नियम कानून से कोई लेना देना नहीं है. आये दिन ऑटो पलटने से दुर्घटनाएं हो रही है और लोगों की जान जा रही है, पर प्रशासन की लापरवाही व चालकों की मनमानी के कारण ये सिलसिला अब भी जा रही है.
चार की जगह सवार होते हैं 19 लोग : परिवहन विभाग के अनुसार टैक्सी परमिट के रूप में पंजीकृत ऑटो में मात्र चार सवारी बैठाकर तय गंतव्य स्थान तक ले जाया जा सकता है. लेकिन इन दिनों ऑटो में चार नहीं बल्कि ठूंस-ठूंस कर ऊपर-नीचे बैठाये जाते हैं. हैरत की बात यह है कि शहरी क्षेत्र में ऑटो का परमिट होने के बाद भी ग्रामीण क्षेत्र में फर्राटे भर रही है. ओवरलोडिंग का यह नजारा जिस ऑटो का है उस ऑटो पर निबंधन संख्या भी दर्ज नहीं है.
यात्री भी उठाते हैं जाेखिम : ओवरलोड ऑटो को देखकर यह साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि यात्री परिवहन के संसाधन की कमी व जल्दी पहुंचने की होड़ में या फिर चंद रुपये बचाने की लालच में जान जोखिम में डाल कर सफर करते हैं. जब ऑटो में बैठने की जगह नहीं बचती है तो सवारी पीछे लटक कर सफर करते हैं. हैरत की बात यह है कि ये वाहन पुलिस ,प्रशासनिक अधिकारी और आरटीओ के नजर के सामने से गुजरते है,लेकिन इस जानलेवा ओवरलोडिंग पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. है.
ढोये जाते हैं बच्चे भी : इन दिनों शहरों में खुल रहे विद्यालय ऑटो से बच्चों को धड़ल्ले से ढो रहे है. स्कूल प्रबंधन ऑटो में बच्चों को भेड़ बकरी की तरह लादकर घर से स्कूल और स्कूल से घर पहुंचाते हैं. इन ऑटो में चालक के अलावा बच्चों पर नजर रखने वाला कोई नहीं होता है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें