अरवल : जिले की बिगड़ी हुई यातायात व्यवस्था में कोई सुधार नहीं दिखाई दे रहा है. सड़क पर खड़े वाहनों को हटाने के लिए कोई मुहिम आज तक अरवल में नहीं चलायी गयी, जिससे शहर में आये जाम की स्थिति बनना आम बात हो गयी है. दूसरी ओर दिन पर दिन वाहन दुर्घटनाओं की संख्या में वृद्धि हो रही है. शहर में बढ़ती आबादी और तंग होती गलियों के बावजूद यातायात विभाग ने शहर में भारी वाहनों के प्रवेश पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया. आये दिन बड़े और भारी गाड़ियां शहर की तंग गलियों में प्रवेश कर जाते हैं, जिससे कई बार भारी जाम की स्थिति हो जाती है. इससे यात्रियों को परेशानियां झेलनी पड़ती हैं. लेकिन विडंबना यह है की यातायात विभाग की ओर से वाहन दौड़ा रहे इन नाबालिगों को रोकने के लिए आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी, जिससे इस पर लगाम लग सके.
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ओवरलोडिंग व अवैध पार्किंग से हो रही आये दिन दुर्घटनाएं
अरवल : जिले की बिगड़ी हुई यातायात व्यवस्था में कोई सुधार नहीं दिखाई दे रहा है. सड़क पर खड़े वाहनों को हटाने के लिए कोई मुहिम आज तक अरवल में नहीं चलायी गयी, जिससे शहर में आये जाम की स्थिति बनना आम बात हो गयी है. दूसरी ओर दिन पर दिन वाहन दुर्घटनाओं की संख्या […]
विभाग की सुस्ती से होती है दुर्घटना
यातायात विभाग की सुस्ती और लापरवाही के कारण वाहन दुर्घटनाएं भी तेजी से बढ़ रही हैं. मुख्य मार्गों पर दौड़ते सवारी वाहन कार, बस, जीप, आदि के चालकों ने रास्ते में खड़ी सवारी द्वारा हाथ दिये जाने पर सवारी बैठाने के लिए बिना किसी सिग्नल के अचानक अपने वाहनों को रोक दिया जाता है, जिसके कारण पीछे दौड़ रहे वाहन चालक कई बार दुर्घटना का शिकार हो रहें है, लेकिन चालकों ने जगह-जगह बने इन मनमर्जी के बस स्टॉप पर सवारी वाहन चालक यात्रियों को सड़क पर ही उतारते और चढ़ाते हैं. इस लापरवाही पर नियंत्रण लगाने के लिए कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गयी.
विगत दिनों वाहन चालकों की इस प्रकार की लापरवाही से कई हादसे हो चुके है, जिसमें कई लोगों की जाने जा चुकी है. शहर में इन दिनों आठ से दस वर्ष तक के बच्चों को गली-मोहल्लों में तेजगति से दोपहिया वाहन दौड़ाते आसानी से देखा जा सकता है, जो नियंत्रण के आभाव में कई बार वाहन दुर्घटना का कारण भी बन रहे है. इन बच्चों के पास न तो वाहन चलाने का लाइसेंस है और न ही इन्हें यातायात नियमों की कोई जानकारी. शहर में वाहनों में ओवरलोडिंग का सिलसिला भी थमता नजर नहीं आ रहा है. शहर के मार्गों पर यात्री वाहन के चालकों ने वाहन की क्षमता से अधिक सवारियों का परिवहन कर रहे हैं.
वहीं वाहन चालकों ने वाहनों में बैठने की व्यवस्था न होने के बावजूद सवारियों को वाहनों में लाद लिया जाता है. जगह न हो पाने के कारण सवारियों को मजबूरन वाहनों के गेट पर खड़ा रहकर सफर करने को मजबूर होना पड़ता रहा है. वही मालवाहक गाड़िया इतना ओवरलोड चलती है कि सड़क पर देखकर लगता है कि कहीं न कहीं ये वाहन दुर्घटनाग्रस्त जरूर हो जायेगी. भूसा लदे वाहनों का तो कोई कहना ही नही. ओवरलोड होने के कारण कब पलट जाये. ऐसा नहीं की सड़क पर प्रशासन नहीं रहती, लेकिन वाहनों से पैसा वसूलने के अलावा कुछ नहीं करती.
इस संबंध में पूछे जाने पर प्रभारी जिला परिवहन पदाधिकारी धीरेंद्र कुमार ने बताया कि नाबालिग चालक और ओवरलोड वाहनों का धरपकड़ चल रहा है. साथ ही जुर्माना भी वसूला जा रहा है. वैसे वाहन चालाक जो सड़क पर पार्किंग करते हैं उनसे भी जुर्माना वसूला जायेगा.
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