मनरेगा योजना की हुई विस्तृत समीक्षा
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घटिया पौधे आपूर्ति करनेवाले एजेंसी पर दर्ज होगी प्राथमिकी
मनरेगा योजना की हुई विस्तृत समीक्षा अरवल : डीएम सतीश कुमार सिंह ने मनरेगा के कार्यों की विस्तृत समीक्षा किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि योजना शुरू करने से पूर्व आवश्यक सूचना के साथ संबंधित स्थलों पर बोर्ड लगाना सुनिश्चित करें. जिले में 64 करोड़ 36 लाख 90 हजार रुपये वित्तीय वर्ष 18-19 में मनरेगा […]
अरवल : डीएम सतीश कुमार सिंह ने मनरेगा के कार्यों की विस्तृत समीक्षा किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि योजना शुरू करने से पूर्व आवश्यक सूचना के साथ संबंधित स्थलों पर बोर्ड लगाना सुनिश्चित करें. जिले में 64 करोड़ 36 लाख 90 हजार रुपये वित्तीय वर्ष 18-19 में मनरेगा कार्य में खर्च किये जायेंगे. उन्होंने मनरेगा के तहत नये पौधे लगाने एवं जल संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता देने को कहा. पौधे लगाने के बाद उसकी सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाये. कम से कम 90 प्रतिशत पौधे जीवित रहना चाहिए. पिछले वित्तीय वर्ष में लाखों पेड़ लगाये गये थे लेकिन 10 प्रतिशत से भी कम पौधे जीवित बचे. सनमत एजेंसी की ओर से घटिया पौधे की आपूर्ति की गयी थी. पौधा आपूर्ति के लिए एजेंसी को 55 लाख रुपये का भुगतान किया गया था. इसे डीएम ने गंभीरता से लिया और सनमत को काली सूची में दर्ज करते हुए प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया. इस वर्ष पंचायतों के माध्यम से पौधारोपण किया जायेगा.
ग्राम सभा को सीमांत किसानों को चिह्नित करने का निर्देश दिया. डीएम कहा कि आने वाले समय में जल संकट उत्पन्न होने वाला है. इसके लिए तालाब निर्माण कराना ही एकमात्र उपाय है. तालाब निर्माण के लिए सारा खर्च मनरेगा से वहन किया जायेगा. इससे मछली पालन से रोजगार एवं जल संचय होगा. वंशी पीओ के कार्यों की आलोचना की गयी और उन्हें हटाते हुए कुर्था पीओ का प्रभार देने का निर्देश डीडीसी को दिया. मनरेगा के तहत पूर्ण सभी योजनाओं की जांच विशेष टीम बनाकर की जायेगी. मनरेगा के तहत 60 प्रतिशत श्रम पर एवं 40 प्रतिशत सामग्री पर व्यय किये जाते हैं. सरकार असहाय एवं गरीबों के पलायन से रोकने के लिए मजदूरों को 100 दिनों का रोजगार सुलभ कराती है लेकिन पीओ के लापरवाही एवं कर्तव्यहीनता के कारण मजदूरों का रोजगार नहीं मिल रहा है. बिहार के सात निश्चय के अंतर्गत हर घर नल -जल, पक्की गली एवं शौचालय का निर्माण घर का सम्मान योजना को लागू करने के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता देने के लिए अधिकारियों को कहा. बैठक में डीडीसी अशोक कुमार, जिला पंचायती राज पदाधिकारी, डीपीआरओ सत्येंद्र प्रसाद समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद थे.
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