करपी (अरवल) : बिजली विभाग के गलत रवैये के कारण प्रखंड कार्यालय परिसर में अनशन पर बैठे अनशनकारियों के समर्थन में बाजार वासी सड़क से लेकर प्रखंड कार्यालय तक जमकर प्रदर्शन किया. अनशनकारी पिछले तीन दिनों से जर्जर बिजली के तार को लेकर प्रखंड कार्यालय के समक्ष बैठे हैं. इसके समर्थन में करपी बाजार पूरी तरह बंद रहा. वहीं सड़क पर भी लोगों ने प्रदर्शन करते हुए जमकर बिजली विभाग के विरुद्ध नारेबाजी की.
अनशनकारियों को मनाने कार्यपालक अभियंता अनिल कुमार जैसे ही प्रखंड कार्यालय पहुंचे आंदोलन और भी उग्र हो गया. लोगों ने कुछ देर तक इन्हें बीडीओ कार्यालय में बंधक बनाये रखा. जिला भू-अर्जन पदाधिकारी अशोक कुमार भी लोगों को समझाने-बुझाने में लगे रहे. आंदोलनकारी नये सिरे से बिजली के कवर तार लगाये जाने की मांग पर डटे थे. लोगों के आक्रोश का आलम यह था कि कार्यपालक अभियंता को लोगों के साथ पूरे बाजार में पैदल ही घूम कर लुंज-पुंज तारों का निरीक्षण करने को बाध्य होना पड़ा. आंदोलनकारियों ने बताया कि बिजली के तार लुंज-पुंज स्थिति में हैं. कभी भी तार बदला नहीं गया हैं. परिणामस्वरूप आये दिन बिजली का तार टूटकर गिर पड़ता है,
जिसकी चपेट में आने से लोगों की मौत हो रही है. घटना के बाद पदाधिकारी आते हैं और मुआवजे का चेक प्रदान कर चले जाते हैं, लेकिन लोगों की जान पैसे से कहीं ज्यादा मूल्यवान है. हमलोग विभाग की मनमानी से तंग आकर आंदोलन को मजबूर हुए हैं. अनशनकारी ज्योति कुमार ने बताया कि जब तक तार बदलने की दिशा में कार्य प्रारंभ नहीं होता है तब तक अनशन जारी रहेगा. कार्यपालक अभियंता अनिल कुमार ने बताया कि बिजली विभाग की कमी के कारण तार नहीं बदले गये हैं. ग्रामीणों की मांग जायज है,
लेकिन तत्काल निदान संभव नहीं है इसके लिए प्रयास किया जायेगा. इस आंदोलन को बाजारवासियों का भरपूर समर्थन मिल रहा है. पुरुष के साथ-साथ महिलाएं भी आंदोलन में शामिल हैं. वहीं जिला पार्षद आनंद चंद्रवंशी, प्रमुख पति राधेश्याम शर्मा बसपा जिलाध्यक्ष मनोज यादव ने भी आंदोलनकारियों की मांग को जायज बताते हुए बिजली विभाग से इस दिशा में अविलंब पहल करने की मांग की है. बताते चलें कि करेंट लगने से क्षेत्र में अब तक करीब आधा दर्जन लोगों की मौत हो गयी है. हाल ही में करपी बाजार निवासी विजय की मौत करेंट लगने से हो गयी थी जो अपने घर का एक मात्र चिराग था. इसकी मौत की घटना ने बाजारवासियों को उग्र कर दिया है परिणामस्वरूप अनशन और प्रदर्शन का सिलसिला जारी है.