आरा. पछुआ हवा के कारण ठंड का प्रकोप इस तरह बढ़ गया की पूरा भोजपुर कांपने लगा. वहीं ठंड से लोगों का दिनचर्या बदल गया. मौसम बेहद सर्द हो चुका है. न्यूनतम तापमान नौ डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया. लोग दिन भर कांपने को विवश नजर आये. ठंड की वजह से जनजीवन का बुरा हाल है. गरीबों तक अभी तक सरकारी सहायता नहीं पहुंची है.
सुबह में टहलने नहीं निकले लोग : स्वास्थ्य को लेकर प्रतिदिन सुबह में टहलने वाले लोगों पर भी ठंड भारी पड़ा. अपने बचाव को लेकर लोग टहलने के लिए घर से बाहर नहीं निकाल पाये.
गरीबों का है सबसे बुरा हाल : ठंड के कारण गरीबों का सबसे बुरा हाल है. इन्हें प्रशासन द्वारा अलाव की भी व्यवस्था नहीं की जा रही है. वही कंबल की भी व्यवस्था नहीं की जा रही है. इस कारण गरीब काफी परेशान हैं. ठंड से बचना उनके लिए मुश्किल हो रहा है. मजदूरी कर अपने परिवार के लिए दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करने वाले मजदूरों के लिए तो जैसे यह ठंड कहर बरसा रही है. मजदूर ठंड की वजह से काम पर निकल भी नहीं पा रहे हैं.
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स्वयंसेवी संगठन हैं गायब : नगर सहित जिले में कई स्वयंसेवी एवं स्वैच्छिक संगठन है. ऐसे संगठनों द्वारा समाज हित में काम करने का दावा किया जाता है. ऐसे लोग समाज से प्रशंसा भी लेना चाहते हैं. जबकि धरातल पर ऐसे संगठन समाज हित के लिए आगे नहीं आते हैं. इस ठंड में गरीबों की सहायता के लिए इनका कहीं भी दर्शन नहीं हो रहा है. वहीं जनप्रतिनिधियों द्वारा इस मामले को लेकर सक्रियता नहीं दिखायी गयी है. इसके परिणाम स्वरूप लोग ठंड से कांपने को विवश नजर आ रहे हैं.
काम पर निकलने में लोग असहज कर रहे हैं महसूस : काम पर निकलने में लोग काफी असहज महसूस कर रहे हैं. ठंड के कारण छोटे बच्चों और बीमार लोगों को भी परेशानी का सामना करना रहा है. मौसम में बदलाव के कारण बीमारी का प्रकोप भी काफी बढ़ सकता है. लोग सर्दी, खांसी, बुखार जैसी बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं.
सब्जियों पर पाला पड़ने का बढ़ गया है भय : ठंड व कनकनी का यही हाल रहा तो सब्जियों की खेती पर भी ठंड का असर पड़ेगा. पाला मारने के खतरे को लेकर किसान काफी चिंतित नजर आ रहे हैं. इससे सब्जियों के दाम में तेजी आने की संभावना है. इसे लेकर कृषि वैज्ञानिक सह कृषि विज्ञान केंद्र के पूर्व हेड डॉ पीके द्विवेदी ने बताया कि आलू के फसल को ठंड के कारण पाला का असर हो सकता है. आलू के फसल को पानी से पटाने पर पाला से बचाव हो सकता है. वही टमाटर एवं अन्य पत्ते वाले सब्जियों को भी नुकसान पहुंच सकता है. पाला से हानि हो सकती है.
अस्पतालों में बढ़ी मरीजों की संख्या : ठंड की स्थिति ऐसी है कि सदर अस्पताल सहित सभी सरकारी अस्पतालों निजी अस्पतालों में मरीजों की संख्या काफी बढ़ गयी है. सर्दी बुखार के मरीज काफी संख्या में अस्पतालों में पहुंच रहे हैं. सामान्य दिनों की अपेक्षा 15 से 20% अधिक मरीज अस्पतालों में इलाज के लिए प्रतिदिन पहुंच रहे हैं. शनिवार को मज्जा को ठिठुरा देने वाली ठंड से लोगों का रहना मुश्किल हो रहा है.
अलाव कि नहीं की जा रही है व्यवस्था : शहर सहित पूरे जिले में अलाव की व्यवस्था नहीं की जा रही है घरों में भी लोगों को रहना मुश्किल हो रहा है ऐसे में जब अलाव की व्यवस्था नहीं होगी तो स्थिति क्या बनेगी इसे समझा जा सकता है कई गरीब एवं रिक्शा चालक ऐसी स्थिति में भी सड़कों के किनारे सोने के लिए मजबूर हैं. ऐसी अलाव की व्यवस्था नहीं होने से काफी समस्या हो रही है.
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