सहार.
प्रखंड क्षेत्र में प्रशासन की उदासीन रवैया के कारण बालू माफिया नियमों को नजर अंदाज कर बालू का खनन एवं परिचालन में लगे हुए हैं, जिसके कारण क्षेत्र के ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन समस्या का समाधान होते हुए नहीं दिख रहा है. बता दें कि सरकार के निर्देशानुसार लगभग तीन मीटर बालू के उठाव सोन नदी से करने की अनुमति घाट संचालकों को दी गयी है, लेकिन घाट संचालकों के द्वारा 20 से 25 मीटर गड्ढ़ा करके बालू का खनन किया जा रहा है, जिसके कारण एक तरफ सोन के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ क्षेत्र के जलस्तर लगभग 20 से 25 फुट नीचे खसका गयी है, जिसके कारण सोन तटीय क्षेत्र बरूही, बजरेयां, सहार, बंशीडिहरी, कोरन डिहरी, मथुरापुर, करवासीन, गुलजारपुर, पेरहाप, धौरी, फतेहपुर, खंडाव, अंधारी सहित दर्जनों गांवों में चापाकल से पानी देना मार्च माह में कम हो गया है, जो अप्रैल और मई माह में बिल्कुल पानी देना बंद हो जाता है, जो आगे आने वाले समय में पानी के लिए क्षेत्र के ग्रामीणों को नल के जल पर ही आश्रित होना पड़ सकता है. जिसकी स्थिति भी संतोषजनक नहीं है. इसको लेकर क्षेत्र के ग्रामीणों में प्रशासन के प्रति असंतोष व्याप्त है.बालू घाटों पर वाहनों के उचित पार्किंग की व्यवस्था नहीं :
बालू घाटों पर वाहन पार्किंग के उचित व्यवस्था नहीं होने के कारण आये दिन ट्रक चालक सड़क की दोनों तरफ गाड़ी खड़ी करते हैं, जिसके कारण बराबर जाम की समस्या बनी रहती है. इससे क्षेत्र के ग्रामीणों एवं यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि सरकार के निर्देशानुसार बालू परिचालन में लगी गाड़ियों के लिए घाट पर पार्किंग करने की व्यवस्था घाट संचालक की जिम्मेवारी है, लेकिन घाट संचालक इस दिशा में उदासीन दिखायी दे रहे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

