अररिया. नगर परिषद क्षेत्र में बन रहे शवदाह गृह को लेकर श्रेय लेने की होड़ शुरू हो गयी है. वर्तमान नगर मुख्य पार्षद विजय कुमार मिश्र जहां इस निर्माण को अपनी उपलब्धि बताते दिख रहे हैं. वहीं पूर्व मुख्य पार्षद रितेश राय ने इसे गलत ठहराते हुए कहा है कि शवदाह गृह की मंजूरी व टेंडर प्रक्रिया उनके कार्यकाल में ही पूरी की गयी थी. मंगलवार को पूर्व मुख्य पार्षद रितेश राय के आवास पर हुई बैठक में लगभग 22 वार्डों के पार्षद व प्रतिनिधि मौजूद थे. बैठक के बाद पूर्व मुख्य पार्षद व पार्षदों ने पत्रकारों को बताया कि शवदाह गृह की मंजूरी पूर्व मुख्य पार्षद रितेश राय के कार्यकाल में मिली थी. लेकिन मौजूदा मुख्य पार्षद विजय कुमार मिश्र उसका श्रेय ले रहे हैं. वार्ड पार्षद प्रतिनिधि ओमप्रकाश सोनू ने कहा कि मुख्य पार्षद को अपने कार्यों का बखान करना चाहिये, न कि दूसरों की उपलब्धि पर दावा करना चाहिये. पूर्व मुख्य पार्षद रितेश कुमार राय ने बताया कि शवदाह गृह की मांग उन्होंने तत्कालीन उप मुख्यमंत्री व नगर विकास मंत्री तारकेश्वर प्रसाद से की थी. 06 जून 2022 को 04 करोड़ 77 लाख रुपये की लागत से मंजूरी मिली थी. उनके कार्यकाल में ही टेंडर प्रक्रिया व इकरारनामा पूरा कर लिया गया था. चुनाव व आचार संहिता के कारण निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका. 13 जनवरी 2023 को नये बोर्ड का शपथ ग्रहण हुआ. इसके बाद काम आगे बढ़ा. उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान मुख्य पार्षद विजय कुमार मिश्र जनता को गुमराह कर रहे हैं. बोर्ड की पूर्व उपलब्धि पर अपनी वाहवाही लूटना चाहते हैं. मौके पर वार्ड पार्षद रंजीत पासवान, वार्ड पार्षद श्याम कुमार मंडल, वार्ड पार्षद आबिद हुसैन अंसारी, वार्ड पार्षद नूर आलम टीपू, वार्ड पार्षद राजू राम, वार्ड पार्षद कुर्बान आलम, वार्ड पार्षद प्रतिनिधि नूर आलम, तारिक अनवर, ओमप्रकाश सोनु, अबरार सिद्दीकी, अनवार आलम, भरत घोष, विजय जैन, मीर बब्लू ,साहेब रजा, अफरोज आलम, राजेश पासवान सहित अन्य वार्ड पार्षद व वार्ड पार्षद प्रतिनिधि मौजूद थे.
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