टीकाकरण से वंचित बच्चों को चिह्नित कर 30 अप्रैल तक टीकाकृत किये जाने का लक्ष्य प्रतिनिधि, अररिया जापानी इंसेफलाइटिस यानी जेई एक वायरल संक्रमण है. जो मुख्य रूप से संक्रमित मच्छरों के काटने से फैलता है. गौरतलब है कि गर्मी व मानसून के दिनों में जेई संक्रमण के प्रसार को खतरा काफी बढ़ जाता है. यह संक्रमण 01 से 15 साल तक के बच्चों को अधिक प्रभावित करता है. बच्चों को जेई संक्रमण के खतरों से बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा 09 माह से 02 साल तक के बच्चों को नियत अंतराल पर जेई का दो टीका निःशुल्क लगाया जाता है. टीकाकरण से वंचित बच्चों को जेई टीका के डोज से आच्छादित करने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले में विशेष अभियान संचालित किया जा रहा है. जानकारी मुताबिक जिले में अप्रैल 2024 से फरवरी तक 92 हजार 899 बच्चों को जेई टीका के दोनों डोज से टीकाकृत करने का लक्ष्य था. इसमें अब तक 91 हजार 759 बच्चों को टीका के प्रथम व 80 हजार 759 बच्चों को टीका के दोनों डोज से टीकाकृत किया जा चुका है. निर्धारित लक्ष्य की तुलना में 1140 बच्चों को जेई टीका के प्रथम व टीका का पहला डोज ले चुके दूसरे डोज से वंचित कुल 11000 बच्चों को आगामी 30 अप्रैल तक संचालित विशेष अभियान के क्रम में टीकाकृत करने का लक्ष्य है. एसीएमओ सह जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ मोइज ने बताया कि जेई का संक्रमण बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है. टीकाकरण इससे बचाव का सबसे प्रभावशाली जरिया है. जेई टीकाकरण से वंचित बच्चों को चिन्हित करने के उद्देश्य से हाउस टू हाउस सर्वे किया जा रहा है. संबंधित क्षेत्र की आशा, एएनएम व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सर्वेक्षण की जिम्मेदारी सौंपी गई है. वंचित बच्चों को चिन्हित कर टीकाकृत किया जा रहा है. सिविल सर्जन डॉ केके कश्यप ने बच्चों के जीवन की सुरक्षा के लिहाज जेई टीकाकरण को लेकर संचालित अभियान को महत्वपूर्ण बताया. सामूहिक प्रयास से जेई टीकाकरण कवरेज में उल्लेखनीय सुधार की बात उन्होंने कही. —————- लघु उद्यमी योजना के चयनित लाभुकों का सात अप्रैल से होगा प्रशिक्षण तीन दिवसीय प्रशिक्षण में अनुपस्थित रहने पर रद्द हो सकती है लाभुकों की पात्रता प्रतिनिधि, अररिया बिहार लघु उद्यमी योजना के तहत जिले के चयनित लाभुकों का तीन दिवसीय जिला उद्योग केंद्र में आगामी 07 अप्रैल से शुरू होगा. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 50-50 के बैच में अभ्यर्थियों को जरूरी प्रशिक्षण दिया जायेगा. इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला उद्योग के महाप्रबंधक कृष्ण कुमार भारती ने बताया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम में आवेदकों की उपस्थिति की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन है. जो एक ऐप के द्वारा किया जायेगा. जो सुबह 10:30 के बाद स्वत: बंद हो जाता है. इसके बाद कोई भी आवेदन अपना उपस्थिति दर्ज नहीं कर सकते हैं. इसलिये प्रशिक्षण हेतु चयनित लाभुकों को ससमय जिला उद्योग केंद्र पहुंचना जरूरी है. उन्होंने लाभुकों से ससमय प्रशिक्षण स्थल पर अपनी उपस्थिति सुनिश्चित कराने की अपील की. प्रशिक्षण में अनुपस्थित पाये जाने पर योजना के तहत अभ्यर्थी की पात्रता रद्द कर दिया जायेगा. उनके स्थान पर प्रतिक्षा सूची में शामिल अन्य अभ्यर्थियों को मौका दिये जाने के प्रावधान की जानकारी उन्होंने दी. जिला उद्योग विभाग के महाप्रबंधक ने बताया कि अभ्यर्थियों को उनके बनाये गये बैच के अनुरूप एक ही बार प्रशिक्षण को मौका दिया जायेगा. अनुपस्थित होने पर दोबारा प्रशिक्षण में शामिल होने का अवसर उन्हें प्राप्त नहीं होगा. प्रशिक्षण पूर्वाह्न 10:30 से 04:30 अपराह्न तक आयोजित किये जाने की जानकारी उन्होंने दी. उन्होंने बताया कि अभ्यार्थियों द्वारा दिये गये दस्तावेजों में त्रुटि पाये जाने पर उनकी योजना लाभ के लिए उनकी पात्रता रद्द किया जा सकता है. इसकी सारी जिम्मेदारी अभ्यर्थियों की होगी. जानकारी मुताबिक बिहार लघु उद्यमी योजना के तहत चयनित लाभुकों के लिये तीन दिवसीय प्रशिक्षण प्राप्त करना अनिवार्य है. प्रशिक्षण के दौरान अनुपस्थित होने की स्थिति में भी संबंधित अभ्यर्थी की पात्रता रद्द किया जा सकता है. प्रशिक्षण में आवेदक का स्वयं उपस्थित होना अनिवार्य है. प्रशिक्षण के दौरान भोजन,/नाश्ता कार्यालय द्वारा देय नहीं होने की जानकारी उन्होंने दी. उसका समायोजन बिहार लघु उद्यमी योजना अंतर्गत आपके खाते में प्रशिक्षण के बाद भुगतान किया जायेगा. अभ्यर्थियों के लिये फाइल फोल्डर, ऑनलाइन आवेदन पत्र की प्रति, आधार कार्ड, पैन कार्ड, जाति प्रमाणपत्र, निवास प्रमाणपत्र, आय प्रमाणपत्र, बैंक अकाउंट की छायाप्रति, पासपोर्ट आकार के दो फोटो व परिवार के पांच सदस्यों का मोबाइल नंबर अभ्यर्थियों द्वारा समर्पित किया जाना जरूरी होगा.
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