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बदहाल व्यवस्था का शिकार बन रहा आंगनबाड़ी केंद्र

प्रखंड के कुल 349 केंद्र में से 25 केंद्रों को है अपना भवन किराये के मकान में संचालित हो रहा है 324 केंद्र अररिया : तीन से छह वर्ष तक के बच्चे, धात्री व गर्भवती महिलाओं के संचालित सरकारी योजनाओं का लाभ सहजता से लोगों तक पहुंचाने के लिए जिले में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र बदहाल […]

प्रखंड के कुल 349 केंद्र में से 25 केंद्रों को है अपना भवन

किराये के मकान में संचालित हो रहा है 324 केंद्र
अररिया : तीन से छह वर्ष तक के बच्चे, धात्री व गर्भवती महिलाओं के संचालित सरकारी योजनाओं का लाभ सहजता से लोगों तक पहुंचाने के लिए जिले में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र बदहाल व्यवस्था का शिकार बन कर रह गया है. केंद्र के लिए स्थायी भवन का अभाव संचालन के मार्ग में बड़ी बाधा साबित होने लगी है. भाड़े पर संचालित केंद्र के किराया के साथ-साथ कर्मियों के मानेदय भुगतान में होने वाली देरी अपने वास्तविक उद्देश्य से भटकता जा रहा है. आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन में स्थायी भवन का अभाव बड़ी बाधा बनता जा रहा है. जिले के सभी प्रखंडों में निर्धारित केंद्र की तुलना में महज दस प्रतिशत केंद्र भी स्थायी भवन में संचालित नहीं हो रहा है.
किराया के मकानों में केंद्र का संचालन स्थायी तौर पर नहीं हो सकता है. मकान मालिक जब चाहें केंद्र को खाली करवा लेते हैं. केंद्र अन्यत्र संचालित किया जाने से पोषक क्षेत्र के गिनेचुने बच्चे ही इन केंद्रों पर पहुंच पाते हैं. केंद्र के लिए स्थायी भवन की स्थिति मुख्यालय से सटे अररिया प्रखंड में ही बेहद खराब है. इस मामले में अररिया प्रखंड की बदहाली को देख कर सुदूरवर्ती प्रखंडों की हालत का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है.
एक साल से केंद्र के किराये का नहीं हो पाया भुगतान
केंद्र संचालिकाओं की मानें तो किराये पर संचालित केंद्र का भाड़ा का भुगतान बीते एक साल से नहीं हो पाया है. इसके अलावा आंगनबाड़ी कर्मी एक साल से अधिक समय से अपने मानदेय का भुगतान नहीं हो पाने की बात कहते हैं.
हाल ही में प्रखंड आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका संघ के प्रतिनिधियों ने जिला पदाधिकारी से मानदेय भुगतान व केंद्र के किराये के भुगतान नहीं हो पाने से संचालन में आने वाली दिक्कतों से जिला पदाधिकारी को अवगत कराते हुए आवेदन देकर मदद की गुहार लगायी है. भुगतान में हो रही देरी के कारण एक तो केंद्र संचालकों का मनोबल प्रभावित हो रहा है तो दूसरी तरफ केंद्र के बंद होने से आंगनबाड़ी केंद्रों का लाभ पोषक क्षेत्र के बच्चों, धात्री व गर्भवती महिलाओं को नहीं मिल पा रहा है.
किराये के भवन में संचालित हो रहे हैं 324 केंद्र
प्रखंड में संचालित 349 केंद्रों में से 324 केंद्र किराये के भवन में संचालित किये जाते हैं. महज 25 केंद्र ही स्थायी भवन में संचालित हो रहे हैं. स्थायी केंद्रों पर संचालित केंद्र भी जरूरी संसाधन की समस्या झेल रहे हैं.
किराये के भवन में संचालित केंद्र की स्थिति तो और भी खराब है. कहीं तो बिना क्षत व मुक्कमल दीवार के ही केंद्र का संचालन किया जा रहा है. तो कहीं किसी दीवार के किनारे बैठ कर ही केंद्र संचालिका अपने दायित्वों को जैसे तैसे अंजाम देने में लगी है. समय पर केंद्र के किराया का भुगतान नहीं हो पाने से कई केंद्र तो स्थायी रूप से बंद होकर महज कागजों में सिमट कर रह गये हैं.
तीस पंचायत के 428 वार्ड में 349 केंद्र हैं संचालित
अररिया प्रखंड क्षेत्र में पड़ने वाले कुल 428 वार्डों में तकरीबन पांच लाख 88 हजार 44 सौ की जनसंख्या के लिए क्षेत्र में आंगनबाड़ी केंद्र के स्वीकृत 355 केंद्रों में 349 केंद्र संचालित हैं. सुचारू रूप से केंद्र के संचालन के लिए सेविका के 355 पदों में से 342 सेविका अलग अलग केंद्र पर कार्यरत हैं. सहायिका के इतने ही स्वीकृत पदों में से महज 14 पद फिलहाल रिक्त हैं. पर्याप्त संख्या में कर्मी बहाल होने के बाद भी केंद्र संचालन को लेकर समय-समय पर स्थानीय लोगों की शिकायतें सामने आती है.

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