- अररिया के शिवपुरी मोहल्ला के रहने वाले हैं तीनों भाई-बहन
- तीन साल की उम्र से गरिमा, पांच साल की उम्र से सौरभ व सात साल की उम्र से गौरव ने खेलना शुरू किया था शतरंज
- राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों भी हो चुके हैं सम्मानित
- तीनों ने शतरंज में दर्जनों देश को दे चुके हैं मात
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अररिया के तीनों भाई बहनों कई देशों में भारत का नाम किया रोशन
अररिया के शिवपुरी मोहल्ला के रहने वाले हैं तीनों भाई-बहन तीन साल की उम्र से गरिमा, पांच साल की उम्र से सौरभ व सात साल की उम्र से गौरव ने खेलना शुरू किया था शतरंज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों भी हो चुके हैं सम्मानित तीनों ने शतरंज में दर्जनों देश को दे चुके हैं […]
हेमंत कुमार हीरा, अररिया : जब सच्ची लगन व मेहनत से कोई भी कार्य किया जाये तो, उसमें एक ना एक दिन सफलता जरूर मिलती है. सफलता हासिल करने के लिए कई मुसीबतों का सामना भी करना पड़ता है. हालांकि कुछ लोगों संघर्षों से हार कर मंजिल से भटक जाते हैं.
जो संघर्षों से लड़ कर आगे बढ़ते हैं सफलता उनके हाथ आती हैं. ऐसा ही संघर्षों से लड़कर आगे बढ़ी हैं शिवपुरी मोहल्ला वार्ड संख्या 09 निवासी देवनंदन दिवाकर के पुत्र सौरव आनंद, गौरव आनंद व पुत्री गरिमा ने शतरंज के खेल में एक ऐसा मुकाम हासिल किया है कि आज वे दूसरों के लिए प्ररेणा बन गये हैं.
तीनो भाई-बहन ने दर्जनों देशों में शतरंज खेल कर जीत कर खिताब प्राप्त किया है. जिससे जिला ही नहीं बल्कि देश का भी नाम गर्व से ऊंचा हुआ है. उनके घरों में जीते गये सैकड़ों ट्राफी इस बात का पुख्ता प्रमाण हैं. इनमें से गौरव आनंद को बिहार के पूर्व राज्यपाल व वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी सम्मानित कर चुके हैं.
जबकि गौरव, सौरभ की बहन गरिमा गौरव कामन वेल्थ अंडर आठ की गोल्ड मेडलिस्ट रह चुकी है. बताया जाता है कि सौरव आनंद शतरंज में बिहार के नंबर वन खिलाड़ी बन चुके हैं. उम्र महज 17 साल है. जबकि उनके बड़े भाई गौरव आनंद को 19 साल की उम्र में दो आईएम नोटम मिल चुका है. वही गौरव सौरभ की बहन गरिमा की उम्र महज 15 साल है. जो कि विभिन्न मुकाबले में कई देशों के खिलाड़ियों के साथ शतरंज खेल चुकी हैं.
सौरव आनंद पांच स्वर्ण पदक, एक रजत व एक कांस्य पदक कर चुके हैं हासिल
सौरभ आनंद ने बताया कि अब तक पांच स्वर्ण पदक एक रजत व एक कांस्य पदक जी चुके हैं. इसमें कॉमनवेल्थ चेस चैंपियनशिप नई दिल्ली स्वर्ण पदक, एशियन यूथ चेस चैंपियनशिप श्रीलंका स्वर्ण पदक, एशियन यूथ रैपिड श्रीलंका स्वर्ण पदक, एशियन यूथ रैपिड चैंपियनशिप लंका स्वर्ण पदक, एशियन स्कूल चेस चैंपियनशिप नई दिल्ली रजत पदक, साउथ एशियनएम चेस चैंपियन नेपाल स्वर्ण पदक, कॉमनवल्थ चैंपियनशिप चेन्नई रजत पदक, एशियन यूथ चेस चैंपियनशिप कुछ कुछ उज्बेकिस्तान ताशकंद, राष्ट्रीय अंदर बाल चेस चैंपियनशिप भुनेश्वर, एशियन यूथ चेस चैंपियनशिप ईरान, एशियन यूथ चेस चैंपियनशिप उज्बेकिस्तान कांस्य पदक, कॉमनवेल्थ चेस चैंपियनशिप नई दिल्ली, वर्ल्ड यूथ चेस चैंपियनशिप साउथ अफ्रीका, इंटरनेशनल चेस चैंपियनशिप मुंबई, बिहार स्कूल एसोसिएशन चैंपियनशिप नेशनल जूनियर चेक दिल्ली, आईआई एफएल इंटरनेशनल क्लास चैंपियनशिप दिल्ली दिल्ली इंटरनेशनल ओपन चेस चैंपियनशिप के अलावा कई चैंपियनशिप भी खेलने का मौका मिला है.
शतरंज के लिए जिला स्तर से नहीं मिलती है मदद
शतरंज खिलाड़ी के पिता देवनंदन दिवाकर बताते हैं कि वे अपने कमायी से दो पुत्र व एक पुत्री को शतरंज खिलाड़ी बनाए हैं. जिन्होंने भारत देश के अलावा विदेशों में भी शतरंज खेल कर अन्य देश को मात दे चुके हैं. इसके लिए प्रशासन की ओर से उन्हें कोई मदद नहीं मिलती है.
ना ही तो किसी राष्ट्रीय पर्व में ही याद किया जाता है. फिर भी हमारे दोनों पुत्र व पुत्री ने कई देश को शतरंज खेल में मात देने का काम किया है. आज उनका नाम विश्व में रोशन कर रहे हैं. यही एक पिता के लिए गौरव की बात है.
इन प्रतिभागियों को मुकाम तक ले जाने का श्रेय जाता है इनके अधिवक्ता पिता काे
शतरंज के उस्ताद सौरव आनंद, गौरव आनंद व गरिमा के पिता देवनंदन दिवाकर बताते हैं कि वे पैशे से अधिवक्ता हैं. उनके द्वारा की गयी कमायी से ही पूरे परिवार का भरण पोषण होता है. अपनी कमायी गयी रकम में सबसे अधिक खर्च उन्हें अपने तीनों शतरंज के उस्तादों के पीछे व्यय करना पड़ता है. जबकि उनकी पत्नी कादंबिनी दिवाकर हाउस वाइफ हैं. पिता विजय विंदेश्वरी यादव भी साथ रहते हैं. इन लोगों का भी पूरा ख्याल रखना पड़ता है.
कुमार गौरव कांस्य पदक कर चुके हैं अपने नाम
शतरंज खिलाड़ी कुमार गौरव ने बताया कि ओएलएक्स ओपन इंटरनेशनल बी बरबरा स्पेन, राष्ट्रीय जूनियर शतरंज चैंपियन 2016 आंध्र प्रदेश प्रथम स्थान, कॉमनवर्ल्ड चेस चैंपियन नई दिल्ली कांस्य पदक, चेन्नई ओपन इंटरनेशनल ग्रैंड मास्टर चेस टूर्नामेंट तमिलनाडु, वर्ल्ड जूनियर चेक चैंपियनशिप पुणे, वर्ल्ड यूथ चेस चैंपियनशिप स्लोवेनिया, नेशनल स्कूल चेस चैंपियनशिप चेन्नई, कॉमनवल्थ चेन्नई, इंटरनेशनल चेस टूर्नामेंट नेपाल, कॉमनवेल्थ सेवा चैंपियनशिप चेन्नई, इंटरनेशनल फेस्टिवल दिल्ली, प्रथम बुद्धासभा, राष्ट्रीय सब जूनियर एशियन यूथ चेस चैंपियनशिप दिल्ली, ऑल इंडिया ओपन इंटरनेशनल गुवाहाटी, नेशनल अंडर 17 लड़का व लड़की चैंपियनशिप पटना आदि दर्जनों शतरंज चैंपियनशिप में जीत हासिल कर चुके हैं.
गरिमा भी जीत चुकी हैं स्वर्ण पदक
शतरंज खिलाड़ी गरिमा बताती हैं कि कॉमनवेल्थ चेस चैंपियनशिप चेन्नई स्वर्ण पदक, नेशनल स्कूल चेस चैंपियनशिप चेन्नई, नेशनल स्कूल चेस चैंपियनशिप नई दिल्ली, नेशनल अंडर 09 चेस चैंपियनशिप पुणे, वर्ल्ड यूथ चेस चैंपियनशिप स्लोवेनिया, नेशनल अंडर 11 ओपन एंड गर्ल्स चेस चैंपियनशिप पांडुचेरी, कॉमेंट चेस चैंपियनशिप इंटरनेशनल, नेशनल चेस चैंपियनशिप आदि जगहों पर शतरंज खेल कर जीत हासिल कर चुकी हैं.
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