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लोकसभा चुनाव : पूर्वी बिहार की 5 सीटों पर चुनाव प्रचार पकड़ेगा जोर, पप्पू यादव को लेकर सस्पेंस खत्म

कोसी-सीमांचल व पूर्व बिहार के पांच लोकसभा क्षेत्र में अब चुनाव प्रचार जोर पकड़ेगा. आठ अप्रैल को नाम वापसी का अंतिम दिन था. जिसके बाद कोसी-सीमांचल व पूर्व बिहार के पांच लोकसभा क्षेत्र में चुनाव की सरगर्मी बढ़ गयी है. अब चुनाव प्रचार जोर पकड़ेगा.

लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण की पांच लोकसभा क्षेत्रों में कुल 50 प्रत्याशी मैदान में रह गये हैं. नामांकन पत्र की वापसी के अंतिम दिन पांच प्रत्याशियों ने नाम वापस ले लिया. नाम वापसी के बाद अब किशनगंज लोकसभा क्षेत्र में 12 प्रत्याशियों के बीच मुकाबला होगा जबकि कटिहार लोकसभा क्षेत्र में नौ प्रत्याशियों के बीच लड़ाई होगी. इसी प्रकार से पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र की विसात पर कुल सात प्रत्याशी चुनाव लड़ेंगे तो भागलपुर लोकसभा क्षेत्र में 12 प्रत्याशियों के बीच मुकाबला है. बांका लोकसभा क्षेत्र में 10 प्रत्याशियों के बीच मुकाबला है. दूसरे चरण की पांच लोकसभा क्षेत्र में कुल तीन महिला प्रत्याशी हैं जिसमें एक कटिहार, एक पूर्णिया और एक भागलपुर के चुनावी मैदान में हैं. जिन लोकसभा क्षेत्रों में प्रत्याशियों ने नाम वापस लिया उसमें किशनगंज में तीन, कटिहार में एक और भागलपुर में एक प्रत्याशी शामिल हैं.

भागलपुर : 12 प्रत्याशी मैदान में बचे, एक ने नामांकन वापस लिया

भागलपुर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए नामांकन वापसी के बाद 12 प्रत्याशी मैदान में रह गये हैं. एक प्रत्याशी अजय कुमार राय ने नामांकन वापस ले लिया. इसके बाद बचे प्रत्याशियों में अजय कुमार मंडल (जदयू), दीपक कुमार सिंह (राष्ट्रीय जनसंभावना पार्टी), दीपक कुमार (एसयूसीआइ, कम्यूनिस्ट), उमेश प्रसाद यादव (निर्दलीय), छोटे लाल कुमार (निर्दलीय), मुकेश कुमार (अभापपा), हरेराम यादव (निर्दलीय), दयाराम मंडल (लोक सेवा दल), ओमप्रकाश पोद्दार (निर्दलीय), अजीत शर्मा (कांग्रेस), पूनम सिंह (बहुजन समाज पार्टी) व रमेश टुडु (निर्दलीय) शामिल हैं. अब उन्हें सिंबल देने की प्रक्रिया चल रही है.

लोकसभा चुनाव: आखिरी दिन एक उम्मीदवार ने नामांकन लिया वापस

लोकसभा चुनाव के लिए कटिहार संसदीय सीट से सोमवार को एक उम्मीदवारों ने अपना नामांकन वापस कर लिया है. नाम वापसी के बाद अब इस सीट पर कुल नौ उम्मीदवार बच गये है. सभी उम्मीदवारों को चुनाव चिन्ह आवंटित कर दिया गया है. डीएम ने बताया कि नामांकन वापसी की तिथि यानी सोमवार तक निर्दलीय हिमराज सिंह ने अपना नामांकन वापस लिया है.

जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिला पदाधिकारी मनेश कुमार मीणा ने संवाददाता सम्मेलन में जानकारी देते हुए बताया कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के तारिक अनवर, जनता दल यूनाइटेड के दुलाल चंद्र गोस्वामी, पीपीआईडी से मारांग हांसदा, राष्ट्रीय जन संभावना पार्टी से राजकुमार मंडल, बीएसपी से गोपाल कुमार महतो, भारत जागो जनता पार्टी से विष्णु सिंह, समाज शक्ति पार्टी से बिन्दु कुमारी, निर्दलीय खालिद मुबारक, ज्ञानेश्वर सोरेन इस संसदीय क्षेत्र के प्रत्याशी है.

किशनगंज में तीन प्रत्याशियों ने नामांकन लिया वापस

किशनगंज लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से कुल पंद्रह प्रत्याशियों में अब मात्र बारह उम्मीदवार ही चुनाव मैदान में रह गये है. जिनके भाग्य का फैसला मतदाता 26 अप्रैल को करेंगे. सोमवार प्रदीप बैठा, मो जाफर हुसैन एवं दिलीप पासवान ने अपना नामांकन वापस ले लिया.

नामांकन वापसी की संपूर्ण प्रक्रिया में जिला निर्वाचन पदाधिकारी-सह-जिला पदाधिकारी तुषार सिंगला के अलावा जिले के विभिन्न पदाधिकारी यथा मनोज कुमार रजक(जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी), परवीन जहां(उप निर्वाचन पदाधिकारी), अमरेंद्र कुमार पंकज(अपर समाहर्ता), कुंदन कुमार सिंह(जिला सूचना जनसंपर्क पदाधिकारी-सह जिला योजना पदाधिकारी-सह-विशेष कार्य पदाधिकारी, जिला गोपनीय प्रशाखा)के साथ समाहरणालय के अन्य कर्मी भी उपस्थित थे.

बांका में नामांकन वापसी के अंतिम दिन किसी भी प्रत्याशी ने नाम नहीं लिया वापस

लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों के बीच चुनाव चिह्न सोमवार को आवंटित कर दिया गया. नाम वापसी के अंतिम दिन किसी भी प्रत्याशी ने अपने नाम वापस नहीं लिये. लिहाजा, कुल 10 प्रत्याशियों को जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह डीएम अंशुल कुमार ने चुनाव चिह्न निर्धारित करते हुए इसकी विधिवत जानकारी सभी प्रत्याशियों को उपलब्ध करा दी.

जदयू से गिरिधारी यादव को तीर व राजद के जयप्रकाश नारायण यादव को लालटेन यानी पार्टी चुनाव चिह्न ही आवंटित किया गया. इसके अतिरिक्त अमृत तांती को जूता, उत्तम कुमार सिंह को चप्पल, कवींद्र पंडित को बैटरी टॉर्च, गणेश कुमार कुशवाहा को बांसुरी, जयप्रकाश यादव को फूलगोभी, उमाकांत यादव को चारपाई, नरेश कुमार प्रियदर्शी को स्टेथोस्कोप व नरेश यादव को लेटर बॉक्स चुनाव चिह्न आवंटित किये गये हैं.

एक तरह से देखा जाये, तो कुल 10 प्रत्याशी लोकसभा के चुनावी मैदान में उतर गये हैं. चुनाव चिह्न मिलने के बाद प्रचार अभियान में भी एक तरह से तेजी आयेगी. चुनाव चिह्न मान्यता प्राप्त दल के लिए लागू नियम के साथ ही वर्णमाला अनुक्रम के अनुसार तय किये गये. देखा जाये, तो ईवीएम में प्रत्याशी के क्रमांक के साथ उनका चुनाव चिह्न दे दिया गया है.

पूर्णिया लोकसभा : सात उम्मीदवार चुनाव मैदान में रह गये

पूर्णिया लोकसभा सीट के लिए उम्मीदवारों की तस्वीर साफ हो गयी है. नामांकन वापस लेने की समय-सीमा समाप्त होने के बाद पूर्णिया सीट से कुल सात उम्मीदवार चुनाव मैदान में रह गये हैं. इस सीट के लिए कुल 11 अभ्यर्थियों ने नामजदगी के पर्चे भरे थे, इनमें स्क्रूटनी के दौरान चार प्रत्याशी का नामांकन रद्द कर दिया गया. बाकी सात प्रत्याशी रह गये.

जिला जन संपर्क पदाधिकारी द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार, नाम वापसी के अंतिम दिन एक भी अभ्यर्थी ने अपना नाम वापस नहीं लिया. इस प्रकार कुल सात प्रत्याशी चुनाव मैदान में रह गये. उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय दलों समेत सभी प्रत्याशियों को चुनाव चिह्न आवंटित कर दिये गये हैं. 26 अप्रैल को मतदान होगा, जबकि 4 जून को मतगणना होगी.

इस चुनाव में 22 लाख 03 हजार 753 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. इसमें 11 लाख 39 हजार 537 पुरुष और 10 लाख 64 हजार 137 महिला एवं 73 अन्य मतदाता शामिल हैं. चुनाव चिह्न आवंटित होते ही चुनाव प्रचार ने जोर पकड़ लिया है.

पूर्णिया से इस बार सबसे कम उम्मीदवार चुनाव मैदान में

पूर्णिया लोकसभा सीट से इस बार सबसे कम उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. पिछले चार टर्म के आंकड़ों पर गौर करें तो 2019 में जहां 16 उम्मीदवार मैदान में थे वहीं 2014 में 17 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे थे, जबकि 2009 में 20 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे. पिछले 2019 की तुलना में 2024 में 11 उम्मीदवार कम हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि कम उम्मीदवार होने से वोटों की बर्बादी कम होगी और मुकाबला कांटे का होगा.

पप्पू यादव की उम्मीदवारी को लेकर सस्पेंस खत्म

पूर्णिया. पूर्व सांसद पप्पू यादव की उम्मीदवारी को लेकर जारी तमाम सस्पेंस खत्म हो गये हैं. सोमवार को नामांकन वापस लेने की समय-सीमा खत्म होने के बाद यह तय हो गया कि अब पप्पू यादव यहीं से चुनाव लड़ेंगे. नाम वापसी को लेकर कांग्रेस के अल्टीमेटम को दरकिनार करते हुए श्री यादव ने इसी सीट से चुनाव लड़ने के अपने फैसले पर अंतिम क्षण तक अडिग रहे. उन्हें चुनाव चिह्न भी आवंटित कर दिया गया है. पप्पू यादव के चुनाव प्रभारी संजय सिंह ने बताया कि पप्पू यादव के नाम वापसी का कोई सवाल ही नहीं था. यह तय था कि वह यहीं से चुनाव लड़ेंगे. नामांकन के बाद से वे लगातार लोगों से जन संपर्क कर रहे हैं.

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