पटना: बिहार में 38 सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों के करीब 40 हजार कर्मचारियों के अपनी वेतन बढोतरी की मांग को लेकर आज हडताल पर रहने से प्रदेश में बैंकिंग सेवाएं प्रभावित रहीं.
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बैंक हड़ताल से 31 करोड़ का लेन देन प्रभावित
पटना: बिहार में 38 सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों के करीब 40 हजार कर्मचारियों के अपनी वेतन बढोतरी की मांग को लेकर आज हडताल पर रहने से प्रदेश में बैंकिंग सेवाएं प्रभावित रहीं. यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) के आह्वान पर आयोजित इस हडताल के कारण बिहार में 7,200 बैंक शाखाएं पूरे दिन […]
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) के आह्वान पर आयोजित इस हडताल के कारण बिहार में 7,200 बैंक शाखाएं पूरे दिन बंद रहीं और 4,878 एटीएम में से अधिकांश इनमें पैसा खत्म हो जाने की वजह से ठप रहे जिससे प्रदेश में करीब 30 हजार करोड़ रुपये का लेन-देन प्रभावित हुआ.बैंक एम्पलाईज फेडरेशन बिहार के महासचिव जेपी दीक्षित ने इस हडताल को पूर्णत: सफल रहने का दावा करते हुए कहा कि आशा है कि उनकी इस हडताल को सरकार और अन्य एजेंसियां गंभीरतापूर्वक लेगी.
हडताल के दौरान बैंक कर्मियों ने अपनी शाखाओं के समक्ष मांगों के समर्थन में नारेबाजी की और उन्होंने सभी निजी बैंकों के राष्ट्रीयकरण तथा ठेके पर बहाल और दैनिक मजदूरी पा रहे बैंक कर्मियों की सेवा नियमित किए जाने की मांग की.पटना स्थित भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के मुख्य कार्यालय के समक्ष ऑल इंडिया बैंक एम्पलाईज एसोसियेशन के एसबीआई इकाई के अध्यक्ष शालीग्राम शर्मा के नेतृत्व में धरना दिया.
शर्मा ने कहा प्रत्येक पांच वर्ष के बाद बैंक कर्मियों का वेतन पुनरीक्षण किया जाता है पर यह एक नवंबर वर्ष 2012 से नहीं किया गया है. पिछला वेतन पुनरीक्षण 2007 में हुआ था.एसबीआई कर्मचारी संघ के महासचिव उमेश प्रसाद ने कहा कि इसको लेकर 13 बैठकें हो चुकी हैं पर उसका अभी तक कोई परिणाम फलाहल सामने नहीं आ सका है.
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