मीनापुर : पहले प्रेम विवाह किया, गर्भवती होने पर मायके छोड़ दिया. अब पुत्र पैदा होने पर भी ले जाने को तैयार नहीं है. मीनापुर थाना क्षेत्र के गदाईचक गांव के सूर्यदेव प्रसाद की पुत्री कविता कुमारी न्याय के लिए पुलिस का दरवाजा खटखटाया है.
पीड़िता ने बताया कि गर्भवती होने पर पति ने मायके पहुंचा दिया. अब दहेज के लिए रोड़ा अटका रहा है. इस बाबत लिखित शिकायत थाने में गुरुवार को दी है. मामला मानिकपुर पंचायत के गदाईचक गांव का है. कविता के अनुसार उसकी शादी रानी सती मंदिर मुजफ्फरपुर में 6 अक्टूबर 2017 को शपथ पत्र के साथ दोनों की सहमति से हुई थी.
इसकी जानकारी कविता के पिता को शादी होने के बाद मिली. पिता ने स्थानीय मुखिया, सरपंच व अन्य पंचों के साथ ससुराल वालों के दरवाजे पर पहुंचे. पंचों की उपस्थिति में कविता व पति ने आपसी सहमति से शादी करने व राजी खुशी से जीवन व्यतीत करने का निर्णय पंचों के समक्ष कबूल किया था. जुलाई 2018 में पता चला कि कविता गर्भवती हो गयी है, तो पति, ससुर व सास ने मायके से दहेज के रूप में एक कट्ठा जमीन, जेवर, बाइक व 51 हजार रुपये लाने का दबाव बना मारपीट करनी शुरू कर दी.
लड़की के पिता गरीब किसान है. फिर भी दोनों के बीच शांति कायम करने के लिए पिता ने जेवर व 51 हजार नकदी दामाद के घर पर पहुंचा दिये़ कुछ दिन बाद लालची ससुराल वालों ने एक कट्ठा जमीन व बाइक लाने के लिए दोबारा दबाव बना मारपीट करने लगे. मांगें पूरी नहीं होने पर गोली मारने की धमकी दी. 29 दिसंबर 2018 को कविता ने पुत्र को जन्म दिया.