पटना: बिहार के ट्रक मालिकों ने गंगा नदी पर बने महात्मा गांधी सेतु पर गत 25 जून से 10 और उससे अधिक पहिये वाले वाहनों के परिचालन पर पूर्णत: पाबंदी लगाए जाने के खिलाफ आंदोलन की धमकी दी है.
बिहार विधान परिषद में गत सोमवार को पथ निर्माण मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा था कि महात्मा गांधी सेतु की जो स्थिति है अगर उस पर भारी वाहनों के परिचालन को नियंत्रित नहीं किया गया तो वह पुल कभी भी बंद हो सकता है.
बिहार ट्रक मालिक संघ के अध्यक्ष भानू शेखर प्रसाद सिंह ने आज कहा कि ट्रकों पर निर्धारित सीमा से अधिक लादे गए मालों की जांच के बजाय 10 और उससे अधिक पहिये वाले वाहनों के परिचालन पर पाबंदी लगाकर उनके व्यवसाय पर कुठाराघात किया है. उन्हांेने इस मामले में मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है. पटना के महात्मा गांधी सेतु, हाथीदाह के राजेंद्र पुल और कुछ स्थानों पर क्षतिग्रस्त होने से पुलों को बचाने के लिए उन पर से भारी वाहनों के परिचालन पर रोक लगायी गयी है.
बिहार ट्रक मालिक संघ के अध्यक्ष भानू शेखर प्रसाद सिंह ने कहा कि अगर प्रतिबंध तुरंत नहीं हटाया गया तो ट्रक मालिक जिला परिवहन अधिकारी के पास अपने वाहन से जुडे दस्तावेज लौटाने के साथ करों की अदायगी बंद कर देंगे.उन्होंने कहा कि इस बाबत बिहार ट्रक मालिक संघ की एक बैठक पटना के बिहटा में आगामी 6 जुलाई को बुलायी गयी है.बिहार के पथ निर्माण मंत्री राजीव रंजन सिंह ने बताया था कि गत शनिवार को निर्णय लिया गया कि पटना के मसौढी, बिहटा और ट्रांसपोर्ट नगर में वजन कराने वाली मशीन लगायी जाये.
वजन के बाद जिन वाहन का वजन 10 टन तक होगा उन्हें प्रमाण पत्र देकर रात साढे दस बजे से सुबह पांच बजे तक उन्हें गांधी सेतु से गुजरने की अनुमति दी जाएगी.उन्होंने बताया था कि इसको परिवहन विभाग नियंत्रित करेगा और पथ निर्माण विभाग वजन करने की मशीन लगायेगा. मशीन कब तक लग सकेगी इसके लिए पुल निर्माण निगम को कल तक का समय दिया गया है.