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वाट्सएप पर पहले ही आउट हो गया था पेपर, दुबारा परीक्षा की मांग, आईजीआईएमएस में नर्सों की बहाली में धांधली

पटना : इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के लिए आयोजित स्टाफ नर्स परीक्षा का रिजल्ट बुधवार को जारी कर दिया गया. रिजल्ट देखने के बाद छात्रों ने रिजल्ट में धांधली का आरोप लगाते हुए दोबारा से परीक्षा की मांग की है. उनका कहना है कि परीक्षा से 10 घंटे पहले ही वाट्सएप पर पेपर आउट कर […]

पटना : इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के लिए आयोजित स्टाफ नर्स परीक्षा का रिजल्ट बुधवार को जारी कर दिया गया. रिजल्ट देखने के बाद छात्रों ने रिजल्ट में धांधली का आरोप लगाते हुए दोबारा से परीक्षा की मांग की है. उनका कहना है कि परीक्षा से 10 घंटे पहले ही वाट्सएप पर पेपर आउट कर दिया गया.
रिजल्ट से नाखुश छात्रों का दावा है कि संस्थान प्रशासन की ओर से चिह्नित उम्मीदवारों का चयन कर रिजल्ट जारी किया गया है. इधर परीक्षा में धांधली के आरोप के बाद कई सामाजिक संगठन भी मैदान में कूद गये हैं और दुबारा परीक्षा कराने की मांग कर रहे हैं.
पटना की तीन जगहों पर सेंटर बनाये गये थे : स्वास्थ्य विभाग के आदेश पर आईजीआईएमएस में 123 पदों पर स्टाफ नर्स की बहाली करने का निर्णय लिया गया. 15 जुलाई को पटना की तीन जगहों पर सेंटर बनाये गये थे. तीनों जगह पर हजारों छात्र-छात्राओं ने परीक्षा दी थी.
परीक्षा से पहले अधिकांश के मोबाइल फोन के वाट्सएप पर आउट प्रश्न पत्र आ गया. इतना ही नहीं छात्र-छात्राओं का आरोप है, जिनका चयन किया गया है, उनकी सांठगांठ संस्थान व स्वास्थ्य विभाग के बड़े अधिकारियों से है. यही वजह है कि उन लोगों का नाम चयनित लिस्ट में आया है. प्रश्न पत्र आउट होने की शिकायत कुछ छात्र के परिजनों ने संस्थान प्रशासन को दी थी, लेकिन संस्थान प्रशासन ने इस मुद्दे को सिरे से खारिज कर दिया था.
धांधली का आरोप इसलिए भी लग
रहा है कि परीक्षा में शामिल होने के लिए संस्थान प्रशासन ने सभी उम्मीदवारों को एडमिट कार्ड भेज दिया था, लेकिन परीक्षा में भीड़ कम करने के लिए संस्थान प्रशासन ने करीब 300 से अधिक छात्र-छात्राओं को फोन कर कॉलेज बुलाया.
इनमें किसी को उम्र सीमा अधिक होने की बात कह तो किसी को अलग-अलग नियमों का हवाला देकर परीक्षा देने से वंचित कर दिया गया था. ऐसे में छांटे गये सभी परीक्षार्थियों ने कॉलेज कैंपस में हंगामा भी किया था.
क्या कहते हैं छात्र
जो रिजल्ट जारी किया गया है, उसमें पूरी तरह से धांधली हुई है. क्योंकि 15 जुलाई को परीक्षा के बाद हॉल से निकलने के बाद हमने देखा कि वाट्सएप पर प्रश्नपत्र वायरल हो चुका था. इसका विरोध भी हम लोगों ने किया, लेकिन ध्यान नहीं दिया गया. वहीं जो रिजल्ट जारी किया गया
है, उसमें कंफर्म लिस्ट से अधिक वेटिंग लिस्ट है. ऐसे में जो रिजल्ट जारी हुए हैं, उनको रद्द कर सही से परीक्षा करायी जाये.
-निधि कुमारी, परीक्षार्थी.
डाक्यूमेंट वेरिफिकेशन होने के बाद एडमिट कार्ड जारी किया गया. लेकिन परीक्षा से एक दिन पहले ऑनलाइन नोटिस निकाली गयी. जब फॉर्म रिजेक्ट करना था, तो वेरिफिकेशन के समय क्यों नहीं किया गया.
मेरा भी फॉर्म इसी तरह रिजेक्ट कर दिया गया था. भीड़ कम करने के लिए सैकड़ों छात्रों के फॉर्म को रिजेक्ट कर दिया गया था.
-गौतम कुमार, परीक्षार्थी.
क्या कहते हैं अधिकारी
आईजीआईएमएस में स्टाफ नर्स की बहाली में कोई धांधली नहीं हुई है. जिन छात्रों को चयन किया गया है वह बेस्ट स्टूडेंट्स हैं और वह परीक्षा में अच्छे अंकों से पास हुए हैं. धांधली करने का जो आरोप लगा रहे हैं उनका आरोप गलत है.
वहीं जो छात्र चयनित किये गये हैं उनको ज्वाइनिंग के लिए पत्र भेजा जा रहा है. वहीं अगर ज्वाइनिंग समय के अंदर छात्र नहीं आते हैं तो वेटिंग लिस्ट वाले को ज्वाइनिंग कराने के लिए पत्र जारी होगा.
डॉ एनआर विश्वास, डायरेक्टर आईजीआईएमएस.
धांधली का आरोप
आईजीआईएमएस की ओर से जारी स्टाफ नर्स के रिजल्ट के खिलाफ कई सामाजिक संगठन मैदान में कूद गये हैं. सवर्ण सेना सामाजिक संगठन ने आरोप लगाते हुए कहा कि 19 सितंबर को संस्थान प्रशासन ने 123 पदों पर रिजल्ट जारी किया. लेकिन इसमें पूरी तरह से धांधली हुई है. सेना के अध्यक्ष भागवत शर्मा ने कहा कि परीक्षा से पहले अगर वाट्सएप पर पेपर आउट हो गया, तो उस परीक्षा को पहले ही रद्द कर देना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं किया गया.

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