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बिहार : कुहासे के कारण सामने से आ रही ट्रेन नहीं दी दिखाई, चार लोगों की कटकर मौत, सभी मृतक गोपालगंज के

सीवान : सीवान कचहरी स्टेशन के पास दहा नदी के झझरिया रेल पुल पर शुक्रवार की सुबह करीब 5:30 बजे कुहासे के कारण पैसेंजर ट्रेन की चपेट में आने से चार लोगों की मौत हो गयी, जबकि एक दो वर्षीय बच्चा समेत सात लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गये. छह लोगों ने पुल से […]

सीवान : सीवान कचहरी स्टेशन के पास दहा नदी के झझरिया रेल पुल पर शुक्रवार की सुबह करीब 5:30 बजे कुहासे के कारण पैसेंजर ट्रेन की चपेट में आने से चार लोगों की मौत हो गयी, जबकि एक दो वर्षीय बच्चा समेत सात लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गये. छह लोगों ने पुल से नीचे पानी में कूद कर अपनी जान बचायी. मरनेवाले सभी लोग गोपालगंज जिले के रहनेवाले थे. मृतकों के आश्रितों को चार-चार लाख रुपये मुआवजा देने का एलान किया गया है.
घायलों ने बताया कि गुरुवार को यूनानी कॉलेज के सामने स्थित कर्बला तकिया में झाड़-फूंक के लिए आये थे. शुक्रवार की सुबह जब अजान खत्म हुआ तो सभी लोग थावे की ट्रेन पकड़ने के लिए रेललाइन और पुल के सहारे कचहरी स्टेशन को जाने लगे. इस दौरान 11 लोग रेल पुल पर ही थे कि सीवान जंक्शन की तरफ से 55075 सवारी ट्रेन आ गयी. लोगों ने बताया कि कुहासे के कारण दूर से ट्रेन दिखाई नहीं दी. ट्रेन के नजदीक आते ही अफरा-तफरी मच गयी. छह लोगों ने पुल से नीचे कूद कर जान बचायी. लेकिन चार लोग ट्रेन की चपेट में आ गये. ट्रेन की चपेट में अायी खुशबून निशा की गोद से उसका दो साल का पुत्र मुन्ना पुल के नीचे गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गया. ट्रेन में सफर कर रहे एक रेल यात्री ने घटना की सूचना सिविल सर्जन डॉ शिवचंद्र झा को दी.
इसके बाद सिविल सर्जन ने राहत कार्य के लिए 102 एंबुलेंस से मेडिकल टीम को भेजा और घायलों को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया. इधर, सूचना मिलते ही डीएम महेंद्र कुमार, एसपी नवीनचंद्र झा, सिविल एसडीओ अमन समीर, एएसपी कार्तिकेय शर्मा, नगर इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सदर अस्पताल पहुंचे. डीएम ने बताया कि सभी मृतकों के परिवार को चार-चार लाख रुपये जिला प्रशासन की तरफ से दिये जायेंगे. घायल बच्चे को पीएमसीएच भेजा गया है. जिला प्रशासन इस बात की जांच कर रहा है कि दुर्घटना में ट्रेन के चालक की गलती है या हादसे का शिकार हुए लोगों की. यह भी जांच की जा रही है कि मानवरहित फाटक और पुल पार करने के दौरान ट्रेन चालक ने सिटी बजायी थी कि नहीं.
सभी मृतक गोपालगंज के
1. सरस्वती देवी, हसना, कुचायकोट
2. खुशबून निशा, हसना, कुचायकोट
3. खतमुल निशा, इंदरवा
बैरम
4. मो असलम, तकिया, बथुआ बाजार
5. खुशबून निशा का दो वर्षीय बेटा शमशेर की हालत गंभीर, पीएमसीएच रेफर
चालक व गार्ड ने दुर्घटना की नहीं दी जानकारी
रेलवे ऐसा नियम है कि किसी ट्रेन से रास्ते में कोई दुर्घटना हो जाती है तो ट्रेन के चालक व गार्ड द्वारा घटना की अगले स्टेशन पर सूचना देता है. शुक्रवार को सीवान कचहरी स्टेशन के समीप सवारी गाड़ी 55075 की चपेट में आने से चार लोगों की मौत हो गयी.
इसमें पुल से कुदकर छह लोगों ने अपनी जान बचायी. दुर्घटना के बाद चीख-पुकार की आवाज चालक व गार्ड ने अवश्य सुनी होगी. लेकिन किसी ने सीवान कचहरी, अमलोरी, हथुआ तथा थावे स्टेशन के अधिकारियों को इसकी सूचना नहीं दिया. रेल अधिकारियों को इसकी सूचना नहीं मिलने से आरपीएफ को भी इसकी सूचना स्थानीय लोगों से लगी. इसके कारण आरपीएफ के अधिकारी लेट से घटना स्थल पर पहुंचे. आरपीएफ इंस्पेक्टर अजय कुमार सिंह ने बताया कि इस बिंदु पर जांच की जा रही है.
वो ट्रेन की ओर बढ़ रहे थे और मौत उनकी ओर
सीवान : नवलपुर मजार पर मन्नत मांगने एक दिन पूर्व गोपालगंज जिले के एक दर्जन लोग पहुंचे थे जो शुक्रवार की अहले सुबह घर जाने के लिए निकले. वे लोग सुबह में थावे की तरफ जाने वाली पैसेंजर ट्रेन पकड़ने के लिए निकले थे.
ट्रेन का समय नजदीक देख सभी ने दाहा नदी रेल पुल का रास्ता पकड़ लिया. सुबह में काफी कुहरा होने के चलते वे धीरे-धीरे पुल पार करने लगे. स्टेशन पहुंचने की जल्दी उन्हें इस कदर थी कि सामने से मौत बनकर आ रही पैसेंजर ट्रेन की आहट भी वे नहीं सुन सके. देखते-ही-देखते मौत बनकर आयी ट्रेन ने एक के बाद एक चार लोगों को अपनी आगोश में ले लिया. संयोग था कि एक मासूम ट्रेन की ठोकर से मां के हाथ से छिटक कर दूर जा गिरा. वहीं आधा दर्जन लोगों ने पानी में कूद कर अपनी जान बचायी.
मौत को सामने देखकर छह लोगों ने रेल पुल से छलांग लगायी : सीवान कचहरी स्टेशन के समीप दाहा नदी रेल पुल पर ट्रेन की चपेट में आने से बचे छह लोगों के चेहरे पर मौत का खौफ साफ नजर आ रहा था. अपनी मां को खो देनी वाली सालिया खातून ने बताया कि वह अपनी मां खुशबुन निशा से थोड़ा सा आगे पुल पर थी. उसने बताया कि जब ट्रेन काफी नजदीक आ गयी तथा कुछ लोग ट्रेन की चपेट में आ गये तब उसने पुल से नीचे छलांक लगाकर अपनी जान बचायी.
उसने बताया कि उसकी मां की गोद से पुल के नीचे गिरे अपने दो साल के भाई को उठाया. पुल से नीचे जो अन्य लोगों ने छलांग लगाकर अपनी जान बचायी उसमें अजाबुल निशा, नैमुल निशा, नूरजहां, मोजबुन निशा तथा झुन्नी बेगम शामिल हैं.

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