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Ayodhya Ram Mandir: रामलला का हुआ सूर्य तिलक, लगे जयश्री राम के जयकारे

भव्य राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) बनने के बाद पहली रामनवमी पर अयोध्या में उल्लास देखने वाला है. सरयू के तट से लेकर राम पथ, धर्म पथ और मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी हुई है. 500 वर्ष बाद ये भक्ति और उल्लास का माहौल दिख रहा है.

अयोध्या: भव्य राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) बनने के बाद पहली रामनवमी पर रामलाल का सूर्य तिलक का नजारा देखने को मिला. इस अद्भुत क्षण के देश और दुनिया के भक्त गवाह बने. जयश्रीराम के जय-जयकारों के बीच श्रद्धालुओं ने श्री रामकी मूर्ति के सामने शीश झुकाया. पूरी अयोध्या में रामनवमी का उल्लास देखने वाला है. सरयू के तट से लेकर राम पथ, धर्म पथ और मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी हुई है. सुबह 3.30 बजे से भक्तों के लिए राम मंदिर के कपाट खोल दिए गए थे. दिव्य स्नान, पंचामृत स्नान के बाद रामलला को वस्त्र पहनाए गए.

अयोध्या में उमड़ा आस्था का सैलाब
पूर्व नियोजित कार्यक्रम के अनुसार राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) के गर्भ गृह प्राण प्रतिष्ठित प्रभु श्रीराम के ललाट पर सूर्य की किरणों को परावर्तित करके राम जन्मोत्सव को यादगार बना दिया गया. रामनवमी के मौके पर अयोध्या में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा. देश भर के कोने-कोने से लोग रामलला के दर्शन केा लिए अयोध्या पहुंच रहे हैं. रामलला के ललाट पर सूर्य तिलक के लिए रूड़की के सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स बंगलुरु के वैज्ञानिकों ने तकनीकी व्यवस्था की है.

रात 11 बजे तक होंगे दर्शन
आज रामलला 19 घंटे दर्शन देंगे. राम मंदिर के कपाट सुबह 3.30 बजे खुल गए थे. अभिषेक, श्रृंगार, आरती व दर्शन साथ-साथ होगा. जन्म आरती के बाद भोग आरती 12.30 बजे होगी. 12.50 बजे फिर दर्शन शुरू हो जाएंगे. संध्या आरती शाम को 6.15 बजे होगी. 10 मिनट के लिए दर्शन रोके जाएंगे और पर्दा लगेगा. शयन आरती का समय भक्तों की भीड़ के अनुसार तय किया जाएगा. धर्म पथ, राम पथ, सरयू तट, राम की पैड़ी और मंदिर परिसर में हेलीकॉप्टर से फूलों की वर्षा की गई.

हनुमानगढ़ी में आज रात 11.30 बजे तक दर्शन
हनुमानगढ़ी में सुबह 3.30 बजे से दर्शन शुरू हो गए. दोपहर में 12 बजे से 12.20 बजे तक मंदिर के पट बंद रखे गए. 20 मिनट आरती व भोग के बाद फिर से दर्शन शुरू किए गए. दोपहर 3 बजे से 3.20 बजे तक आरती के लिए दर्शन बंद किया जाएगा. रात को 10 बजे से 10.30 बजे तक दर्शन बंद रहेंगे. 11.30 बजे शयन आरती के साथ ही दर्शन बंदकर दिए जाएंगे.

बना त्रेतायुग जैसा संयोग
बताया जा रह है कि सूर्य तिलक के दौरान त्रेतायुग जैसा संयोग बन रहा है, जैसा की राम के जन्म के समय बना था. सूर्य तिलक के दौरान रवि योग, गजकेसरी योग, केदार, शुभ, सरल, अमला, परिजात, काहल, वाशि योग बन रहा है. इन्हीं नौ योग के दौरान रामलला का सूर्य तिलक होगा. वाल्मीकि रामायाण के अनुसार रामलाल के जन्म के सय सूर्य, चंद्रमा और शुक्र उच्च राशि में थे. 17 अप्रैल को भी ऐसा ही उच्च योग बन रहा है.

Also Read: प्रभु श्रीराम का कैसे हुआ सूर्य तिलक, जानें इसकी तकनीक

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