नयी दिल्ली : भारतीय हॉकी कप्तान सरदार सिंह ने आज स्वीकार किया कि कोचों को बदलने से खिलाडियों को दिक्कत आती है लेकिन कहा कि हालिया घटनाक्रम से अगले साल होने वाले ओलंपिक खेलों में टीम की संभावनाओं पर असर नहीं पडेगा.
नीदरलैंड के पाल वान ऐस को हाकी इंडिया के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा के साथ सरेआम बहस के बाद पद से हटा दिया गया. वह पिछले कुछ समय में इस तरह बर्खास्त होने वाले चौथे विदेशी कोच हैं. सरदार ने स्वीकार किया कि ऐसे बदलावों से टीम की लय पर असर पड़ता है.
उन्होंने यूरोप दौरे पर रवानगी से पहले मीडिया से बातचीत में कहा , कोच को हटाने पर खिलाडियों को दिक्कत आती है. टीम की रणनीति भी कोच के साथ बदल जाती है और टीम बनाने में समय लगता है. लेकिन ओलंपिक और आगामी दौरों को लेकर हम काफी सकारात्मक हैं. हाई परफार्मेंस निदेशक और अब मुख्य कोच रोलेंट ओल्टमेंस ने उम्मीद जताई कि उनकी टीम यूरोपीय टूर्नामेंटों में अच्छा प्रदर्शन करेगी.
उन्होंने कहा , हमारा अभ्यास सत्र अच्छा रहा. खिलाडियों ने शारीरिक, मानसिक कौशल, आक्रामक और रक्षात्मक पहलुओं पर काफी मेहनत की है. टीम के सामने आये उतार चढ़ावों के बारे में पूछने पर ओल्टमेंस ने कहा , उतार चढाव आये हैं लेकिन हम प्रदर्शन में सुधार कर रहे हैं.
उन्होंने कहा , हम इस पर जोर दे रहे हैं कि मैच कैसे जीते जायें, गोल करने के मौके कैसे बनाये जायें. सिर्फ खेलना ही अहम नहीं है. अपने लक्ष्यों के बारे में इस डच कोच ने कहा कि फिलहाल उनकी प्राथमिकता रियो ओलंपिक है. उन्होंने कहा , हमारा डिफेंस, आक्रमण, पेनल्टी कार्नर और खिलाडियों के बीच तालमेल सबसे अहम है. हमें सुधार की जरुरत है लेकिन हमारे खिलाडी मानसिक और शारीरिक रुप से फिट है लिहाजा सुधार कर सकते हैं.