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मैं एकल मुकाबले में अपनी जगह बनाना चाहता हूं : सुमित नागल

नयी दिल्ली : प्रतिष्ठित विंबलडन में युगल खिताब जीतने से चर्चा में आये सुमित नागल ने कहा कि वह एकल में बेहतर प्रदर्शन करने के प्रति अधिक उत्सुक हैंऔर उन्होंने इस साल के आखिर तक शीर्ष 300 में जगह बनाने को अपना लक्ष्य बनाया है. फ्रैंकफर्ट के निकट शटलर वास्केट टेनिस यूनिवर्सिटी में प्रशिक्षण ले […]

नयी दिल्ली : प्रतिष्ठित विंबलडन में युगल खिताब जीतने से चर्चा में आये सुमित नागल ने कहा कि वह एकल में बेहतर प्रदर्शन करने के प्रति अधिक उत्सुक हैंऔर उन्होंने इस साल के आखिर तक शीर्ष 300 में जगह बनाने को अपना लक्ष्य बनाया है.

फ्रैंकफर्ट के निकट शटलर वास्केट टेनिस यूनिवर्सिटी में प्रशिक्षण ले रहे 17 वर्षीय नागल ने वियतनाम के नाम हुआंग ली के साथ मिलकर लड़कों का जूनियर युगल खिताब जीता था.

नागल ने जर्मनी के फ्रैंकफर्ट से कहा, मेरा ध्यान एकल पर है. मेरा लक्ष्य इस साल के आखिर तक शीर्ष 300 में जगह बनाना है. देखते हैं कि मैं कहां तक जा सकता हूं. मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करूंगा.देखते हैं कि मैं अपने देश के लिए क्या कर सकता हूं. पिछले साल जुलाई से मारियानो डेलफिनो से प्रशिक्षण ले रहे नागल एटीपी तालिका में 745वें स्थान पर हैं. वह अभी पेशेवर नहीं बने हैं.

स्कूल शिक्षक के बेटे नागल ने आल इंग्लैंड क्लब के कोर्ट पर खेलने के अनुभव को ह्यअभूतपूर्वह्ण करार दिया.उन्होंने कहा कि नाम हुआंग ली अपने देश के पहले खिलाडी जिन्होंने यह प्रतिष्ठित ट्राफी जीती और इससे वह काफी संतुष्ट हैं.

नागल ने कहा, .मुझे बहुत खुशी है कि हमने खिताब जीता.इतने बडे महाद्वीप से यहां पहुंचना और अरबों लोगों में बहुत कम लोगों का अच्छा प्रदर्शन करना, यह सोचकर बहुत अच्छा लग रहा है. ईमानदारी से कहूं तो मैं इसलिए भी अधिक खुश हूं क्योंकि नाम हुआंग ली पहला वियतनामी है जिसने इतना बड़ा खिताब जीता. उन्होंने कहा, इस तरह से हमने इतिहास बनाया और मेरा नाम हमेशा वहां रहेगा और इसलिए इस अहसास के आगे कुछ भी नहीं है.

नागल एकल के पहले दौर में बाहर हो गये और इससे वह निराश हैं. उन्होंने कहा, .यह निराशाजनक रहा.मैं वहां बहुत देरी से पहुंचा और मेरे पास घसियाले कोर्ट पर तैयारी के लिये पर्याप्त समय नहीं था लेकिन यह मेरी गलती नहीं थी क्योंकि मुझे दूतावास से एक सप्ताह बाद मेरा पासपोर्ट मिला और इसका कोई कारण नहीं बताया गया..इसके बावजूद नागल ने वहां अपने प्रवास का पूरा लुत्फ उठाया.उन्होंने कहा, अनुभव बहुत अच्छा रहा.

वह शानदार स्थान है जहां के लोग बहुत अच्छे हैं. वह सुंदर शहर है. यह बहुत अच्छा टूर्नामेंट रहा..नागल ने उन दिनों को भी याद किया जब उनके माता पिता को संघर्ष करना पडा.उन्होंने कहा, .शुरुआत बहुत खराब थी.मेरे माता पिता ने मेरे लिे काफी बलिदान किया.मैं जब दस साल का था तब मैंने घर छोड दिया था..नागल का भारत के स्टार टेनिस खिलाडी महेश भूपति ने सहयोग दिया.वह भूपति थे जिन्होंने उसे आर के खन्ना टेनिस स्टेडियम में एक शिविर के दौरान देखा और उसकी मदद का फैसला किया.

नागल ने कहा, .उन्होंने कोर्ट के अंदर और बाहर मुझे सहयोग दिया.उन्होंने हर तरह से मेरी मदद की.मैं भाग्यशाली हूं कि वह मेरे साथ थे..भूपति से जब इस बारे में पूछा गया, उन्होंने कहा, .सुमित खेल रहा है मैं नहीं.

Prabhat Khabar Digital Desk
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