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फेडरर को कड़ी टक्कर देने वाले सुमित बनना चाहते थे क्रिकेटर, मेहनत की आंच में पका ये टेनिस खिलाड़ी

नयी दिल्लीः हरियाणा राज्य का झज्जर जिला पहलवानों की धरती मानी जाती है.लेकिन अब इस धरती से अन्य खेलों में प्रतिभाएं सामने आने लगी हैं. सुमित नागल इसी बात का उदाहरण है. सुमित नागल ने 22 साल की उम्र में 20 बार के ग्रैंड स्लैम विजेता रोजर फेडरर को कड़ी टक्कर देने वाले और उन्हें […]

नयी दिल्लीः हरियाणा राज्य का झज्जर जिला पहलवानों की धरती मानी जाती है.लेकिन अब इस धरती से अन्य खेलों में प्रतिभाएं सामने आने लगी हैं. सुमित नागल इसी बात का उदाहरण है. सुमित नागल ने 22 साल की उम्र में 20 बार के ग्रैंड स्लैम विजेता रोजर फेडरर को कड़ी टक्कर देने वाले और उन्हें पहले ही सेट में हरा कर तहलका मचा दिया है.

आज सुमित की चर्चा पूरे देश में है. 22 वर्षीय सुमित हरियाणा के झज्जर जिले के छोटे से गांव जैतपुर से हैं. बहुत ही कम लोगों को यह पता होगा कि जिस टेनिस खिलाड़ी सुमित नागल की लोग चर्चा कर रहे हैं वो बचपन में क्रिकेटर बनना चाहता था. सेना की शिक्षा कोर से सेवानिवृत्त हवलदार और वर्तमान में दिल्ली में बतौर शिक्षक कार्यरत सुरेश नागल उनके पिता है.

सुरेश नागल को क्रिकेट पसंद नहीं था. वे खुद टेनिस के शौकीन हैं और चाहते थे कि बेटा भी टेनिस खेले. अपनी इस इच्छा को वे उस पर थोपना नहीं चाहते थे, इसलिए उन्होंने एक दिन सुमित से कहा, वे उसे स्पो‌र्ट्स कॉम्प्लेक्स लेकर चलेंगे. सात साल की उम्र में पिता के साथ स्पो‌र्ट्स कॉम्प्लेक्स गया सुमित जब वापिस लौटा तो कदम टेनिस की तरफ बढ़ चुके थे.

इसी कारण वो अपने परिवार के साथ झज्जर से दिल्ली के नांगलोई इलाके में रहने लगे. 16 अगस्त 1997 को जन्में सुमित की उम्र उस वक्त आठ वर्ष रही होगी जब वो अपोलो टायर टैलेंट सर्च प्रतियोगिता में चुन लिए गए. इसके बाद सुमित का वक्त तब पलटा जब उनकी जिंदगी में दिग्गज टेनिस खिलाड़ी महेश भूपति की एंट्री हुई. साढ़े नौ वर्ष की उम्र में सुमित ने भूपति की एकेडमी में दाखिला लिया. सुमित, महेश भूपति को अपना मेंटोर मानते हैं.

एकेडमी में टेनिस सीखने के बाद वह महेश भूपति के पास गए और उन्हें कहा कि ‘सर क्या आप मेरे खेल को देख सकते हैं.’ सुमित जानते थे कि वह ये बात किससे कह रहे हैं. उन्होंने भूपति का हाथ पकड़ा और वापस पूछा कि क्या आप मेरा खेल देख सकते हैं. सुमित ने कहा भी कि यही वो लाइन थी कि जिसने उनकी जिंदगी बदल दी.
अगर वह उस समय यह नहीं कहते तो आज वह उस मुकाम पर कभी नहीं पहुंच पाते. सुमित ने 2015 में विंबलडन जूनियर में लड़कों के वर्ग का डबल्स का खिताब अपने नाम किया था और वह इस खिताब को जीतने वाले छठें भारतीय खिलाड़ी भी बन गए थे. सुमित के
बता दें कि सुमित नागल ने यूएस ओपन 2019 के अंतिम क्वॉलिफाइंग दौर में ब्राजील के जोआओ मेनेजेस के खिलाफ एक सेट गंवाने के बाद वापसी करते हुए 2 घंटे 27 मिनट में 5-7 6-4 6-3 से जीत हासिल की थी. इस तरह 22 साल का यह खिलाड़ी इस एक दशक में ग्रैंडस्लैम एकल मुख्य ड्रॉ में खेलने वाला पांचवां भारतीय बना.
सुमित ने यूएस ओपन से ग्रैंड स्लैम में डेब्यू किया और मुख्य ड्रॉ में उन्हें रोजर फेडरर की चुनौती मिली. मैच शुरू होने से पहले लग रहा था कि मुकाबला एक तरफा रहेगा, लेकिन पहले ही सेट में फेडरर को 6-4 से मात देकर भारतीय खिलाड़ी ने दिखा दिया कि वह यहां से ऐसे ही नहीं जाने वाले. हालांकि आखिर में उन्हें स्विस दिग्गज से हार का सामना करना पड़ा. फेडरर ने नागल को यह मैच 6-4, 1-6, 2-6, 4-6 से हराया.
Prabhat Khabar Digital Desk
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