नगांव (असम): आज पूरे देश में हिमा दास की चर्चा है क्योंकि उसने विश्व अंडर-20 एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 400 मीटर की दौड़ में स्वर्ण पदक जीता है. यह इतिहास रचने वाली हिमा पहली भारतीय महिला हैं. हिमा के ऐतिहासिक प्रदर्शन पर उसके पिता रंजीत दास ने खुशी जाहिर करते हुए कहा- हम बहुत खुश हैं […]
नगांव (असम): आज पूरे देश में हिमा दास की चर्चा है क्योंकि उसने विश्व अंडर-20 एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 400 मीटर की दौड़ में स्वर्ण पदक जीता है. यह इतिहास रचने वाली हिमा पहली भारतीय महिला हैं. हिमा के ऐतिहासिक प्रदर्शन पर उसके पिता रंजीत दास ने खुशी जाहिर करते हुए कहा- हम बहुत खुश हैं कि हमारी बेटी ने देश के लिए सोना जीता. उसने बहुत मेहनत की थी , वह आगे और बेहतर प्रदर्शन करेगी.
मात्र 18 साल की हिमा नगांव जिला के डिंग गांव के एक किसान की बेटी है. उसके पिता रंजीत दास धान की खेती करते हैं. उसके कोच निपुण दास ने कहा कि दौड़ की शुरुआत में जब वह पीछे थी, तो वे जरा भी नहीं घबराए, उसका प्रदर्शन अंतिम 80 मीटर में दिखा. उसके प्रदर्शन से यह साबित होता है कि उसके अंदर कितनी क्षमता है. 18 महीने पहले एक इंटर-डिस्ट्रिक्ट प्रतिस्पर्द्धा में में निपुण दास की नजर हिमा पर पड़ी थी, कोच ने बताया कि उसने बहुत सस्ते जूते पहने थे लेकिन उसने 100 मीटर और 200 मीटर में स्वर्ण जीता. वह ऐसे दौड़ रही थी जैसे हवा. निपुण ने उसे गुवाहाटी आने को कहा, पर हिमा के माता-पिता तैयार नहीं थे, लेकिन निपुण नहीं माने.
निपुण ने हिमा के लिए गुवाहाटी में रहने की व्यवस्था करवाई. स्पोर्ट्स कॉप्लेक्स में एथलीट के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी लेकिन हिमा की प्रतिभा देखकर उसके लिए वहां व्यवस्था की गयी. निपुण ने कहा मैंने हिमा को सिर्फ एक चीज कही, सपने बड़े रखो, क्योंकि बहुत कम लोग ऐसे होते हैं, जिन्हें भगवान इस तरह की प्रतिभा देता है.