नयी दिल्ली : पिछले साल जूनियर पुरुष टीम को विश्व कप दिलाने के बाद भारतीय महिला हाकी टीम को 13 बरस बाद एशिया कप जिताने के बावजूद हरेंद्र सिंह संतुष्ट होने वाले कोचों में से नहीं है और उनका कहना है कि इस टीम से अब उन्हें हर टूर्नामेंट में पदक चाहिए.
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पिछले 21 साल से कोचिंग से जुडे हरेंद्र ने कहा, मैंने उन्हें इंग्लैंड की महिला टीम और अर्जेंटीना की पुरुष टीम के उदाहरण दिये जिन्होंने अपने से बेहतर रैंकिंग वाली टीमों को पछाडकर क्रमश: विश्व कप और रियो ओलंपिक में स्वर्ण जीता. रैंकिंग महज एक आंकडा है और मैच वाले दिन हम किसी को भी हरा सकते हैं. अपने सामने अहम चुनौतियों के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि टीम को विजेताओं वाले तेवर और आत्मविश्वास देना सबसे जरुरी है. हरेंद्र ने कहा, जब मैंने इस टीम की कमान संभाली, तभी मुझे लगा कि इसमें आत्मविश्वास भरना होगा क्योंकि उसी से टीम को खुद पर भरोसा होगा. उम्मीद है कि इस जीत से उस दिशा में पहला कदम रख दिया है. अभी बेसिक्स और फिटनेस पर काम करना है. दो अहम टूर्नामेंटों में स्वर्ण के बाद अब उन्हें मिडास टच वाला कोच कहा जाने लगा है लेकिन हरेंद्र ने कहा कि अभी वह खुद को इस जमात में नहीं रखते.