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सुधा ने 3000 मीटर स्टीपलचेज में जीता स्वर्ण, भारत का दबदबा बरकरार

भुवनेश्वर : सुधा सिंह ने शनिवार को यहां 22वीं एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप के तीसरे दिन महिलाओं की 3000 मीटर स्टीपलचेज स्पर्धा में स्वर्ण जीतकर भारत की पदक तालिका में इजाफा किया. उत्तर प्रदेश की इस एथलीट ने कलिंग स्टेडियम में नौ मिनट 59.47 सेकेंड में रेस जीतकर भारत को दिन का पहला स्वर्ण पदक दिलाया. […]

भुवनेश्वर : सुधा सिंह ने शनिवार को यहां 22वीं एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप के तीसरे दिन महिलाओं की 3000 मीटर स्टीपलचेज स्पर्धा में स्वर्ण जीतकर भारत की पदक तालिका में इजाफा किया. उत्तर प्रदेश की इस एथलीट ने कलिंग स्टेडियम में नौ मिनट 59.47 सेकेंड में रेस जीतकर भारत को दिन का पहला स्वर्ण पदक दिलाया.

सुधा ने 2009, 2011 और 2013 में रजत पदक जीते थे. वह हमवतन ललिता बाबर और बाहरीन की विश्व व एशियाई रिकाॅर्डधारी रूथ जेबेट की अनुपस्थिति में स्वर्ण पदक की प्रबल दावेदार थी. वह शुरू से ही आगे चल रही थीं और थोड़ी देर तक पांच प्रतिस्पर्धियों के साथ दौड़ी, लेकिन आधी दूरी पर उन्होंने सभी को पीछे छोड़ दिया. जिससे जीत के बाद उन्हें ‘लैप ऑफ ऑनर ‘ दिया गया. उत्तर कोरिया की 18 साल की हयो गयोंग 10 मिनट 13.94 सेकेंड से दूसरे स्थान पर रहीं, जबकि जापान की नाना सातो ने 10 मिनट 18.11 मिनट ने कांस्य पदक हासिल किया.

सुधा ने मैच के बाद कहा, ‘मैं इस स्वर्ण पदक को जीतकर काफी खुश हूं. रियो ओलिंपिक के बाद यह मेरा शीर्ष स्तर का पहला टूर्नामेंट है. रियो ओलिंपिक के बाद मुझे स्वाइन फ्लू हो गया था और मैं पांच छह महीनों तक अभ्यास नहीं कर सकी और इसके बाद मैंने धीरे-धीरे ट्रेनिंग शुरू करना शुरु किया. इसलिए यह जीत काफी विशेष है. यह समय थोड़ा ज्यादा है, लेकिन यहां के हालात इतने अच्छे नहीं थे.’ सुधा ने इस जीत के साथ अगले महीने होनेवाली विश्व चैम्पियनशिप के लिए क्वालीफाई किया. इसके बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, ‘विश्व चैंपियनशिप मेरे लिए बड़ी चुनौती है. मैं वहां भी अच्छा करना चाहती हूं और राष्ट्रीय रिकाॅर्ड तोड़ना चाहती हूं.’

हालांकि, पुरुष 3000 मीटर स्टीपलचेज में 2014 एशियाई खेलों के कांस्य पदकधारी नवीन कुमार नौ मिनट 02.95 सेकेंड के समय से और दुर्गा दास बुद्धा नौ मिनट 04.05 सेकेंड के समय से क्रमश: सातवें और आठवें स्थान पर रहे. पुरुषों की 110 बाधा दौड़ में भारत के सिद्धार्थ थिंगाल्या 13.72 सेकेंड से पांचवें स्थान पर रहे. कुवैत ने स्वर्ण और रजत पदक अपनी झोली में डाले. अब्दुलाजिया अल मंडील ने 13.50 सेकेंड से रेस जीती. याकूब अल यौहा ने 13.59 सेकेंड से दूसरा स्थान हासिल किया. तीसरेदिन एक स्वर्ण से भारत के खाते में सात स्वर्ण, तीन रजत और छह कांस्य पदक हो गये हैं. वहीं, गत चैम्पियन टिंटू लुका ने 800 मीटर स्पर्धा के फाइनल दौर में प्रवेश कर लिया. उन्होंने दूसरी हीट में 2:6.66 सेकंड का समय निकाल कर पहला स्थान हासिल किया. लिली दास और अर्चना आढ़व ने भी फाइनल में जगह बनायी.

पुरुषों के 800 मीटर में जिंसन जानसन ने पहली हीट में 1:50.48 सेकंड का समय निकालकर पहला स्थान हासिल किया. विश्वंबर कोलेकर ने तीसरी हीट जीतकर फाइनल में जगह बनायी. भारतीय मूल के अमेरिका में बसे एथलीट सिद्धांत टी ने भी पुरुषों की 110 मीटर बाधादौड में फाइनल में जगह बनायी. पुरुषों की लंबी कूद में अंकित शर्मा, एस शमशीर और सिद्धार्थ मोहन नाईक ने फाइनल में जगह पक्की की.

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