Cheteshwar Pujara on Team India’s Coach after Gautam Gambhir: इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के दौरान भारतीय टीम के कोच के रूप में गौतम गंभीर की स्थिति पर कई बार सवाल खड़े हुए. न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज में शर्मनाक हार के बाद इंग्लैंड में 2-2 के नतीजे ने स्थिति को संभाल लिया. इसके बाद आलोचनाओं की आवाजें धीमी पड़ गईं. कुछ गलतियों के बावजूद उनकी कोचिंग में टीम ने जज्बे से खेल दिखाया. नए नवेले कप्तान शुभमन गिल के नेतृत्व में भारतीय टीम ने भी भविष्य की भी झलक दिखा दी है. हालांकि कोच का प्रश्न अभी समाप्त नहीं हुआ है. पहले आकाश चोपड़ा का भारतीय कोच को लेकर एमएस धोनी पर अपनी राय रखी, अब चेतेश्वर पुजारा ने टीम इंडिया के हेड कोच पर अपनी पसंद बताई है.
ईएसपीएन क्रिकइन्फो के एक सवाल-जवाब सत्र में जब उनसे पूछा गया कि अगला भारतीय कोच कौन हो सकता है, तो उन्होंने बिना देर किए कहा, “रविचंद्रन अश्विन.” अश्विन (Ravichandran Ashwin) की रणनीतिक समझ पर कोई शक नहीं है. खेलने के दिनों में भी वह सोचने वाले गेंदबाज थे, जो बल्लेबाजों की योजनाओं को आसानी से बिगाड़ देते थे. नतीजतन, उन्होंने अपने टेस्ट करियर में 106 टेस्ट मैच में 537 विकेट लिए और भारत के लिए सिर्फ अनिल कुंबले (619 विकेट) से पीछे रहे. 116 वनडे में 156 विकेट, जबकि 65 टी20 मैचों में 72 विकेट लिए हैं. अश्विन बल्लेबाजी में भी लाजवाब रहे. उन्होंने कुल 287 मैचों में 4394 रन बनाए. अश्विन के नाम पर टेस्ट क्रिकेट में 37 पांच विकेट हॉल और 6 शतक भी दर्ज हैं.
अश्विन की चतुराई अब यूट्यूब पर भी
अश्विन मांकड़िंग के सबसे बड़े पैरोकार रहे. उन्होंने अपने करियर में इसे गेंदबाजी की एक ट्रिक के रूप में इस्तेमाल किया. स्पिन बॉलिंग करते हुए, वे कभी-कभी अपना ऐक्शन रोक भी लेते थे. यह उनकी चतुराई और खेल की समझ को ही दिखाता है. 38 वर्षीय अश्विन अपने चतुराई भरे अंदाज़ और खेल की बारीकियों को समझने के लिए जाने जाते हैं. बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान इस ऑफ-स्पिनर ने ब्रिसबेन के गाबा में ड्रॉ हुए टेस्ट मैच के बाद संन्यास की घोषणा की थी. संन्यास के बाद अश्विन अपने यूट्यूब चैनल पर भी सक्रिय हैं और क्रिकेट से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर अपनी राय देते रहते हैं.

‘ओवरथिंकर’ का टैग
हालांकि अश्विन को खेल के समझदार दिमाग के रूप में देखा जाता है, लेकिन उन्हें ‘ओवरथिंकर’ (ज्यादा सोचने वाला) का टैग भी दिया गया है. इस पर इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में अश्विन ने कहा, “किसी को ओवरथिंकर कहना सही नहीं है, क्योंकि हर व्यक्ति की यात्रा उसकी अपनी होती है. किसी को यह हक नहीं कि वह उसे जज करे. जब भी लीडरशिप का सवाल आया, तो कई लोगों ने कहा कि विदेश दौरे पर मेरी जगह टीम शीट में सबसे ऊपर नहीं होती.” उन्होंने आगे कहा, “यह तय करना मेरे हाथ में नहीं कि मेरा नाम सबसे ऊपर है या नहीं. अगर मैंने कमाया है, तो वह जरूर होगा यही मेरा विश्वास है. मैंने कभी शिकायत नहीं की, न ही किसी पर उंगली उठाई. मुझे किसी से कोई पछतावा नहीं है.”
अश्विन सही विकल्प या धोनी?
इससे पहले आकाश चोपड़ा ने भविष्य में एमएस धोनी के भारत का कोच बनने की संभावना पर चर्चा की थी. लेकिन उन्होंने साफ किया कि फिलहाल ‘थाला’ (धोनी) को इसमें रुचि नहीं है. चोपड़ा ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, “ये बड़ी बात है. मुझे नहीं लगता कि वह इसमें दिलचस्पी रखते हैं. कोचिंग बहुत कठिन काम है. कोचिंग आपको उतना ही व्यस्त रखती है, जितना खेल के दिनों में रहते थे, और कभी-कभी उससे भी ज्यादा. परिवार होता है और आप सोचते हो कि पूरी जिंदगी यही करते आए हो, सूटकेस में जीए हो, अब फिर वही करना नहीं चाहते.”
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