ऑस्ट्रेलिया के युवा बल्लेबाज सैम कॉन्स्टस (Sam Konstas) ने लखनऊ के अटल बिहारी वाजपेयी स्टेडियम में इंडिया-ए के खिलाफ खेले जा रहे पहले अनाधिकारिक टेस्ट मैच में जोरदार शतक जड़कर अपने आलोचकों को करारा जवाब दिया है. दाएं हाथ के इस 19 साल के ओपनर ने शुरू से ही आक्रामक तेवर दिखाए और 122 गेंदों में 100 रन पूरे किए. इस शतक में 3 छक्के और 10 चौके शामिल रहे. हाल ही में वेस्टइंडीज दौरे पर बुरी तरह फ्लॉप रहे कॉन्स्टस ने भारतीय सरजमीं पर आते ही बड़ी पारी खेलकर यह साबित कर दिया कि उनमें भविष्य का स्टार बनने की क्षमता है. (IND A vs AUS A Unofficial Test Match)
पहले विकेट पर शानदार साझेदारी
सैम कॉन्स्टस ने अपने साथी बल्लेबाज कैम्प्बल केलावे के साथ मिलकर पारी की शानदार शुरुआत की. दोनों ने पहले विकेट के लिए शतकीय साझेदारी कर ऑस्ट्रेलियाई ए टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचाया. कॉन्स्टस ने जहां तेज गति से रन बनाए, वहीं केलावे ने दूसरे छोर से स्थिरता दिखाई. यह साझेदारी मेहमान टीम के लिए बड़ी राहत लेकर आई क्योंकि घरेलू पिचों पर भारतीय गेंदबाजों के खिलाफ बल्लेबाजी हमेशा चुनौतीपूर्ण मानी जाती है.
वेस्टइंडीज दौरे पर रही थी नाकामी
सैम कॉन्स्टस पर पिछले कुछ समय से सवाल इसलिए उठ रहे थे क्योंकि हाल ही में वेस्टइंडीज दौरे पर वह पूरी तरह असफल रहे थे. तीन टेस्ट मैचों की सीरीज में वह एक बार भी 30 रन तक नहीं बना सके और दो बार तो खाता भी नहीं खोल पाए. उस दौरान उनका खराब फॉर्म चर्चा का विषय बन गया था और कई पूर्व क्रिकेटरों ने उनकी तकनीक पर भी सवाल उठाए थे. इसके बावजूद चयनकर्ताओं ने उन पर भरोसा दिखाया और उसी भरोसे का फल उन्होंने इंडिया-ए के खिलाफ शतक जड़कर दिया.
कॉन्स्टस का आक्रामक शतक
कॉन्स्टस की पारी की सबसे खास बात यह रही कि शतक के करीब पहुंचते ही उन्होंने और ज्यादा आक्रामक अंदाज दिखाया. जब वह 90 के पार पहुंचे तो सिर्फ 9 गेंदों में 3 छक्के और 1 चौका लगाकर अपना शतक पूरा किया. उनके इस अंदाज ने दर्शकों को खासा प्रभावित किया और यह भी दिखा दिया कि वह दबाव की स्थिति में खुद को और ज्यादा निखार सकते हैं. यही गुण किसी भी बड़े खिलाड़ी को बाकी से अलग बनाता है.
करियर रिकॉर्ड अब भी साधारण
हालांकि कॉन्स्टस के इस शतक से उत्साह जरूर बढ़ा है, लेकिन उनके करियर आंकड़े अब भी साधारण हैं. उन्होंने अब तक ऑस्ट्रेलिया के लिए 5 टेस्ट मैच खेले हैं और केवल 16.30 की औसत से 163 रन बनाए हैं. इस दौरान उनके बल्ले से सिर्फ एक अर्धशतक आया है. फर्स्ट क्लास क्रिकेट में भी उन्होंने 20 मैचों में 30.34 की औसत से 1062 रन ही बनाए हैं. उनके सामने अभी लंबा सफर है, लेकिन इंडिया-ए के खिलाफ यह शतक उनके आत्मविश्वास को नई ऊंचाई देगा और टीम मैनेजमेंट का भरोसा और मजबूत करेगा.
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