ऋषभ पंत अपने विकेट के मूल्य को समझते हैं और यही कारण है कि टीम प्रबंधन अक्सर उन्हें विभिन्न मैचों के महत्वपूर्ण चरणों के दौरान शॉट चयन में अपने विवेक का उपयोग करने के लिए कहता है. पंत वांडरर्स में दूसरे टेस्ट के दौरान एक खराब शॉट खेलकर आउट हुए. हालांकि इस विकेटकीपर बल्लेबाज ने दक्षिण अफ्रीका में अपना सर्वश्रेष्ठ 85 रन बनाया.
तीसरे टेस्ट में पंत ने जड़ा था शतक
ऋषभ पंत ने कहा कि मेरे बारे में हमेशा सकारात्मक बातें होती हैं. मैं धैर्य के साथ और स्थिति के अनुसार कैसे खेल सकता हूं. बहुत सारी चर्चाएं होती हैं. केपटाउन में तीसरे टेस्ट में भी ऋषभ पंत ने शानदार शतक जड़ा था. उन्होंने कहा कि हम जो भी चर्चा करते हैं, उसी के आधार पर हम अभ्यास करते हैं और उसके बाद मैच में लागू करने की कोशिश करते हैं.
वनडे में चौथे नंबर पर प्रमोशन
करियर की सर्वश्रेष्ठ 85 रन बनाने वाले पंत के अनुसार दाएं-बाएं संयोजन सुनिश्चित करने के लिए टीम प्रबंधन ने उन्हें चार नंबर पर बल्लेबाजी की जिम्मेदारी सौंपी. उन्होंने कहा कि चार नंबर पर बल्लेबाजी करने का कारण यह था कि अगर बाएं हाथ के बल्लेबाज को बीच में बल्लेबाजी करने का मौका मिलता है, तो बाएं-दाएं संयोजन के साथ स्ट्राइक रोटेट करना आसान हो जाता है. खासकर बीच के ओवरों में जब स्पिनर के हाथ में गेंद हो.
हम गलतियों से सीख रहे हैं : पंत
उन्होंने कहा कि इसलिए टीम प्रबंधन को लगा कि बाएं हाथ के बल्लेबाज को बल्लेबाजी करनी चाहिए और इसलिए मुझे यह भूमिका दी गई. पंत ने कहा कि हम सुधार करने का प्रयास करते हैं. पंत ने यह भी कहा कि टीम बेहतर होने के अपने प्रयास में गलतियों से सीख रही है. मुझे लगता है कि बल्लेबाजी के दृष्टिकोण से, हम ठीक हैं, हम ठीक चल रहे हैं. हम अपनी गलतियों से सीख रहे हैं और हर दिन भारतीय क्रिकेट टीम के रूप में हम अपने क्रिकेट को बेहतर बनाने का प्रयास करते हैं.
शार्दुल की बल्लेबाजी, वेंकटेश की गेंदबाजी बड़ी सकारात्मक
पंत का मानना है कि दोनों मैचों में 50 और 40 रन बनाने वाले शार्दुल ठाकुर की बल्लेबाजी श्रृंखला में अब तक की सबसे बड़ी सकारात्मकता रही है. उन्होंने कहा कि एक और सकारात्मक बात यह थी कि शार्दुल ठाकुर ने दोनों मैचों में जिस तरह से बल्लेबाजी की, वह भी सकारात्मक था. वेंकटेश अय्यर ने जिस तरह से गेंदबाजी की, उसने एक या दो ओवर में अधिक रन दिए, लेकिन फिर भी ऐसा लगा कि वह इस स्तर पर गेंदबाजी कर सके. इसलिए, बहुत सारी सकारात्मक चीजें हैं, जिन्हें हम एक टीम के रूप में ले सकते हैं.
दक्षिण अफ्रीका के स्पिनर बेहतर थे
पंत ने स्वीकार किया कि केशव महाराज, एडेन मार्कराम और तबरेज शम्सी ने दो मैचों में रविचंद्रन अश्विन और युजवेंद्र चहल से बेहतर गेंदबाजी की. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि दक्षिण अफ्रीका के स्पिनर अपनी लाइन और लेंथ में अधिक सुसंगत थे और वे इन परिस्थितियों में खेलने के अभ्यस्त हैं. हार के सबसे बड़े कारणों में से एक लंबी अवधि के लिए 50 ओवर के खेल के समय की कमी है. पंत ने कहा कि एक टीम के रूप में, हम हमेशा सुधार करना चाहते हैं और उम्मीद है कि हम आने वाले मैचों में उन्हें सुधारने में सक्षम होंगे.