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 Worlds Newest Nations: राजनीतिक संघर्षों से नए राष्ट्र बनने की कहानी, दुनिया के पांच ऐसे देश जिन्होंने बदला विश्व का नक्सा

Worlds Newest Nations: आज भी दुनिया के कई हिस्सों में सांप्रदायिक मतभेद, हिंसा, सांस्कृतिक और भाषाई अंतर की वजह से अलग देश बनाने की मांग चल रही है. समय-समय पर दुनिया के किसी न किसी हिस्से से एक नया देश जन्म लेता है. ऐसे में आइए विस्तार से जानते हैं विश्व के पांच नए देशों के बारे में.

Worlds Newest Nations: वर्तमान में दुनिया में कुल 195 देश हैं जिसमें से 193 देश संयुक्त राष्ट्र के सदस्य भी हैं. इन सभी में वेटिकन सिटी और फिलिस्तीन संयुक्त राष्ट्र का हिस्सा अब भी नहीं है. लेकिन दुनिया में कई ऐसे हिस्से हैं जो आज भी आजादी की लड़ाई लड़ रहे हैं. राजनीतिक अस्थिरता, सांप्रादायिक मतभेद और भाषाई अंतर की वजह से आज भी कई हिस्सों में अलग देश बनाने कि मांग की जा रही है. ऐसे में आइए जानते हैं कुछ ऐसे देश के बारे में जिन्हें सबसे नए देश कहा जाता है. 

South Sudan is The Youngest Nation of World: दुनिया का सबसे युवा देश है दक्षिण सूडान

दक्षिणी सूडान दुनिया का सबसे नया देश है जो साल 2011 में अफ्रीकी देश सूडान से अलग हुआ. सालों की लड़ाई और संघर्ष के बाद साल 2011 में  आहिरकार सूडान से आजादी मिली. लेकिन आजादी के बाद से ही इस देश कि स्थिति ठीक नहीं है, तेल के संसाधनों से समृद्ध देश आज भी गरीबी और सूखे का सामना कर रहा है. इसके साथ राजनीतिक अस्थिरता और गृहयुद्ध ने इस देश को उबरने नहीं दिया है. हालांकि सर्बिया. रूस, चीन जैसे देश अब भी इसे अलग देश नहीं मानते हैं. , रूस और चीन जैसे देश अब भी इसे अलग देश नहीं मानते हैं। 

Worlds Newest Nations: कोसोवो 

कोसोवो ने एकतरफा तौर पर 17 फरवरी 2008 को सर्बिया से आजादी की घोषणा की. सर्बिया के साथ साथ रूस ने भी इस कदम का विरोध किया था. हालांकि बाद में कोसोवो को अमेपिका और यूरोपीय संघ के बड़े देशों ने मान्यता दी है लेकिन अभी तक इसे संयुक्त राष्ट्र का पूर्ण सदस्य नहीं बनाया गया है.

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Worlds Newest Nations In Hindi: मोंटेनेग्रो और सर्बिया

साल 1991 में यूगोस्लाविया के विघटन के बाद सर्बिया औऱ मोंटेनेग्रो के नाम से एक देश की स्थापना हुई लेकिन 2006 में उसका बंटवारा हो गया. मोंटेनेग्रो और सर्बिया दो अलग देश बन गए. इस अलगाव कि शुरूआत मोंटेनेग्रो ने की और 21 मई 2006 में एक जमनत संग्रह (Plebiscite) कराया. इसमें 55 प्रतिशत लोगों ने सर्बिया से अलग होने के हक में फैसला दिया जिसके बाद औपचारिक रूप से मोंटेनेग्रो और सर्बिया अलग-अलग देश बन गए. 

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पूर्वी तिमोर 

पूर्वी तिमोर एक द्दीपीय देश है जिसे तिमोर लेस्ते नाम से भी जाना जाता है. इसे साल 2002 में इंडोनेशिया से आजादी मिली. हालांकि साल 1975 में ही तिमोर की आजादी की घोषणा कि गई थी लेकिन तब इंडोनेशिया ने इस पर कब्जा कर लिया था. फिर साल 2002 में हुए जमनत संग्रह में इसे पूर्ण रूप से आजादी मिल गई और यह दक्षिण एशिया का एक नया देश बनकर उभरा. 

पलाऊ

पश्चिमि प्रशांत महासागर में स्थित पालाऊ 250 द्दीपों में फैला हुआ है, जिसकी आबादी 21 हजार से भी कम है. इस देश को 1 अक्टूबर 1994 को आजादी मिली. हालांकि सास्कृतिक और भाषा में अंतर को देखते हुए पलाऊ ने 15 सालों पहले ही माइक्रोनेशिया से अलग होने का फैसला किया था लेकिन अपनी आजादी हासिल करने के लिए लंबी राजनीतिक लड़ाई लड़नी पड़ी और जमनत संग्रह के बाद साल 1994 में उन्हें आखिरकार आजाद घोषित कर दिया गया. पलाऊ का पर्यटन उद्योग बड़ा है, द्दीपों में फैले इस देश की ज्यादातर आबादी रोजगार और व्यवसाय के लिए पर्यटन पर ही निर्भर रहती है. यही वजह है कि इस देश को ओशिनिया क्षेत्र के सबसे अमीर देशों में भी गिना जाता है. 

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Sakshi Badal
Sakshi Badal
नमस्कार! मैं साक्षी बादल, MCU भोपाल से पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी कर वर्तमान में प्रभात खबर डिजिटल में इंटर्न के तौर पर काम कर रही हूं, जहां हर दिन अपने लेखन को और बेहतर बनाने और खुद को निखारने का प्रयास करती हूं. मुझे लिखना पसंद है, मैं अपनी कहानियों और शब्दों के जरिए कुछ नया सीखने और लोगों तक पहुंचने की कोशिश करती हूं.

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