IND A vs BAN A Semi Final: दोहा में खेले गए एशिया कप राइजिंग स्टार्स (Asia Cup Rising Stars) के रोमांचक सेमीफाइनल में इंडिया ए टीम फाइनल में पहुंचने से चूक गई. 40 ओवर में मुकाबला बराबरी पर रहा, लेकिन सुपर ओवर में भारत एक भी रन नहीं बना सका. बांग्लादेश ए ने सिर्फ एक रन का लक्ष्य हासिल कर फाइनल में जगह बनाई. इस हार में सबसे ज्यादा चर्चा रही कप्तान जितेश शर्मा (Jitesh Sharma) के उस फैसले की, जिसमें उन्होंने विस्फोटक बल्लेबाज वैभव सूर्यवंशी (Vaibhav Suryavanshi) को सुपर ओवर में नहीं भेजा. इस निर्णय ने मैच का रुख ही बदल दिया और भारत की मजबूत प्रदर्शन करने वाली टीम बाहर हो गई.
सुपर ओवर में नहीं खुला भारत का खाता
मैच बराबरी पर छूटने के बाद सुपर ओवर में इंडिया A की शुरुआत बेहद खराब रही. बांग्लादेश के तेज गेंदबाज रिपॉन मोंडल ने पहले ही गेंद पर जितेश शर्मा को आउट कर दिया. इसके बाद उम्मीद थी कि भारत वैभव सूर्यवंशी जैसे बड़े हिटर को भेजेगा, लेकिन टीम मैनेजमेंट ने फिर हैरान कर देने वाला फैसला लिया और अशुतोष शर्मा को आगे भेज दिया. अशुतोष भी बिना खाता खोले आउट हो गए और दो गेंदों में भारत के दोनों विकेट गिर गए. टीम एक भी रन नहीं बना सकी और मैच हाथ से निकल गया.
वैभव सूर्यवंशी को सुपर ओवर से बाहर क्यों रखा गया?
मैच में वैभव सूर्यवंशी ने 15 गेंद पर 38 रन बनाकर अपनी धमाकेदार फॉर्म दिखा दी थी. पूरे टूर्नामेंट में भी वे भारत के सबसे भरोसेमंद बल्लेबाज रहे, जिन्होंने चार मैचों में 239 रन बनाए. इसके बावजूद सुपर ओवर में उन्हें बाहर रखना फैसला भारी पड़ा. कप्तान जितेश ने मैच के बाद बताया कि टीम की रणनीति के मुताबिक पावरप्ले में वैभव और प्रियांश अच्छे माने जाते हैं, जबकि डेथ ओवर में अशुतोष और रमनदीप को बेहतर माना गया. इसी सोच के आधार पर उन्होंने सुपर ओवर के बल्लेबाज चुने. लेकिन यह फैसला मैदान पर उल्टा पड़ गया और भारत को नुकसान उठाना पड़ा.
जितेश शर्मा ने ली हार की जिम्मेदारी
कप्तान जितेश शर्मा ने मैच के बाद हार की जिम्मेदारी ली. उन्होंने कहा कि एक सीनियर खिलाड़ी होने के नाते उन्हें मैच खत्म करना चाहिए था. जितेश ने 23 गेंद पर 33 रन बनाए, लेकिन अहम मौके पर आउट हो गए. उन्होंने माना कि टीम के युवा खिलाड़ी अभी सीख रहे हैं और ऐसी परिस्थितियां आगे उनके लिए मददगार साबित होंगी. जितेश ने कहा कि ये खिलाड़ी आगे जाकर इंडिया को बड़ा खिताब भी जिता सकते हैं, बस उन्हें अनुभव की जरूरत है.
आखिरी ओवर्स में गेंदबाजों का कमजोर प्रदर्शन
भारत की गेंदबाजी भी इस मुकाबले में कमजोर नजर आई. आखिरी तीन ओवरों में टीम ने 61 रन दे दिए, जिससे बांग्लादेश 194 रन तक पहुंच गया. डेथ ओवर्स में यह ढिलाई भारत को काफी भारी पड़ी. बल्लेबाजी में भी मध्यक्रम अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाया और लगातार विकेट गिरने से टीम लक्ष्य का पीछा करते हुए मुश्किल में आ गई. अगर गेंदबाज आखिरी ओवरों में थोड़ा नियंत्रण दिखाते, तो मैच सुपर ओवर तक जाता ही नहीं.
फाइनल में बांग्लादेश बनाम पाकिस्तान
इंडिया ए का इस टूर्नामेंट में सफर काफी अच्छा रहा. टीम ने अपने शुरुआती मैच में यूएई को 148 रन से हराया था, जिसमें वैभव सूर्यवंशी की 144 रन की पारी सबसे बड़ा आकर्षण रही. ओमान के खिलाफ भी टीम ने छह विकेट से जीत दर्ज की. लेकिन सेमीफाइनल में बांग्लादेश ने भारत की लय तोड़ दी और रोमांचक जीत हासिल की. अब फाइनल में रविवार को बांग्लादेश ए का मुकाबला पाकिस्तान ए से होगा, जिसने दूसरे सेमीफाइनल में श्रीलंका को हराया.
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