IPL 2025 CSK vs RCB, MS Dhoni Statement Post Match: बंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेला गया चेन्नई सुपर किंग्स और रॉयल चैलेंजर्स बंगलुरु के बीच मुकाबले ने दर्शकों को आखिरी गेंद तक बांधे रखा.आखिरी ओवर में चेन्नई को जीत के लिए 15 रन की दरकार थी और क्रीज पर मौजूद थे धोनी और रविंद्र जडेजा. लेकिन यश दयाल की सटीक यॉर्कर गेंदबाजी ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया. धोनी की मैच फिनिश करने की कोशिश एक लो फुल टॉस पर एलबीडब्ल्यू होकर समाप्त हो गई. अंतिम ओवर में शिवम दुबे ने एक नो-बॉल पर छक्का लगाकर समीकरण को 3 गेंदों में 6 रन पर ला दिया था. लेकिन अंत में चेन्नई एक चौके से जीत से चूक गई. डेथ ओवर्स के विशेषज्ञ यश दयाल ने आखिरी गेंद पर लो फुल टॉस डालकर मेजबानों को 2 रन से जीत दिला दी. कैप्टन महेंद्र सिंह धोनी ने चेन्नई सुपर किंग्स की हार की जिम्मेदारी ली. मैच के बाद धोनी ने ईमानदारी से स्वीकार किया कि उन्हें कुछ शॉट्स को बाउंड्री में तब्दील करना चाहिए था ताकि दबाव कम होता.
पोस्ट मैच प्रेजेंटेशन में धोनी ने कहा, “जब मैं बल्लेबाजी करने गया, तो जिस तरह की गेंदबाजी हो रही थी और जितने रन चाहिए थे, मुझे लगा कि मुझे कुछ शॉट्स को बाउंड्री में बदलना चाहिए था. मैं इसकी जिम्मेदारी लेता हूं.” धोनी ने शेफर्ड की इस पारी को शानदार बताते हुए कहा कि अगर उनकी टीम ने अधिक यॉर्कर गेंदें डाली होतीं, तो बाउंड्री लगने की संभावना काफी कम हो जाती. धोनी ने कहा, “उन्होंने अच्छी शुरुआत की थी, फिर हमने वापसी की, लेकिन रोमारीयो शेफर्ड ने जबरदस्त बल्लेबाजी की. हमारे गेंदबाजों ने जो भी फेंका, उसने ज्यादातर मौकों पर रन बटोरे. हमें यॉर्कर पर ज्यादा अभ्यास करने की जरूरत है. जब बल्लेबाज लय में आ जाता है, तो यॉर्कर ही एकमात्र विकल्प रह जाता है.”
उन्होंने आगे कहा, “यॉर्कर में अगर चूक होती है, तो लो फुल टॉस अगला सबसे अच्छा विकल्प होता है. यह बल्लेबाजों के लिए सबसे मुश्किल गेंदों में से एक होती है. किसी जैसे पथिराना के पास अगर यॉर्कर नहीं हो रही हो, तो वह अपनी तेज गेंदबाजी से बाउंसर फेंक सकता है और बल्लेबाज को चौंका सकता है.”
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चेन्नई की हार का एक बड़ा कारण था कि वो डेथ ओवर्स में यॉर्कर और लो फुल टॉस जैसी गेंदों को बाउंड्री में नहीं बदल सके. धोनी ने नए दौर में पैडल शॉट और अन्य तकनीकी विविधताओं को अपनाने की जरूरत पर बल दिया. उन्होंने कहा, “अगर गेंदबाज यॉर्कर डाल रहा है, तो बल्लेबाज उसे लाइन करने की कोशिश करता है. अगर गेंदबाज चूकता है, तो बल्लेबाज को मौका मिल सकता है. लेकिन हर बल्लेबाज के लिए स्कूप शॉट आसान नहीं होता. अगर यह स्वाभाविक तौर पर आता है, तभी ठीक है. नहीं तो मुश्किल होता है. यह ऐसी चीज है जिसे इस नए युग में अभ्यास की जरूरत है. हमारे ज्यादातर बल्लेबाज पैडल शॉट नहीं खेलते. जड्डू इसे खेलते हैं, लेकिन वह डाउन द ग्राउंड खेलने में सहज हैं, इसलिए वह अपनी ताकत पर भरोसा कर रहे थे.”
भले ही अंत में जीत नहीं मिली, लेकिन धोनी ने 17 साल के अयुष म्हात्रे की 94(48) रन की पारी की तारीफ की, जिसने सीएसके की उम्मीदों को जिंदा रखा. धोनी ने कहा, “उसने शानदार बल्लेबाजी की. बल्लेबाजी एक ऐसा विभाग था जहां हम थोड़े पीछे थे. लेकिन आज, मुझे लगता है कि बल्लेबाजी ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया.”
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वहीं मैच की बात करें तो पहली पारी में विराट कोहली (62) और जैकब बेथेल (55) की धमाकेदार शुरुआत के बाद रॉयल चैलेंजर्स की रन गति धीमी हो गई थी. 18वें ओवर तक टीम 159/5 के स्कोर पर थी, लेकिन रोमारीयो शेफर्ड ने सिर्फ 14 गेंदों में नाबाद 53 रन ठोककर बाज़ी पलट दी और टीम को 213/5 के बड़े स्कोर तक पहुंचा दिया. यह आईपीएल इतिहास की दूसरी सबसे तेज फिफ्टी रही.
बड़े लक्ष्य का पीछा करने उतरी सीएसके को आयुष म्हात्रे ने शानदार शुरुआत दी. उन्होंने पारी के लगभग अंत तक संघर्ष किया और 9 चौके और 5 छक्के की सहायता से 94 रन बनाए, उनके अलावा जडेजा ने भी गजब का खेल दिखाते हुए 45 गेंद पर 77 रन बनाए, लेकिन यश दयाल के अंतिम ओवर में सारी बाजी पलट गई और सीएसके 211 रन ही बना सकी.
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