इस सीरीज के पहले तीन पार्ट आपके बीच आ चुके हैं. उम्मीद करते हैं कि आपने पहले सभी पार्ट को पढ़ लिया होगा. अगर नहीं पढ़ा है तो यहां पढ़ लें.
क्रिकेट की दुनिया में भारत-पाकिस्तान मुकाबले हमेशा रोमांच, जुनून और भावनाओं का संगम रहे हैं. साल 2003 के मार्च महीने की पहली तारीख, साउथ अफ्रीका के सेंचुरियन में विश्व कप के दौरान खेला गया यह महामुकाबला आज भी फैंस के दिलों में जिंदा है. इस मैच ने ना सिर्फ क्रिकेट इतिहास में जगह बनाई बल्कि सचिन तेंदुलकर की पारी और शोएब अख्तर पर लगाए गए उनके करारे छक्के ने हर भारतीय को रोमांचित कर दिया था. भारत ने पाकिस्तान को इस मुकाबले में 6 विकेट से हराया और इस जीत का श्रेय सबसे ज्यादा मास्टर ब्लास्टर की शानदार बल्लेबाजी को दिया गया. (IND vs PAK Rivalry)
दमदार गेंदबाजी बनाम मजबूत बल्लेबाजी लाइन-अप
सेंचुरियन का मैदान गवाह था जब पाकिस्तान ने अपने तीन महान तेज गेंदबाजों शोएब अख्तर, वसीम अकरम और वकार यूनुस के साथ भारतीय बल्लेबाजों को रोकने का पूरा खाका तैयार किया था. यह तिकड़ी अपने दौर में दुनिया के किसी भी बल्लेबाज को परेशान करने का दम रखती थी. दूसरी तरफ भारत के पास सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग, सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़ और युवराज सिंह जैसे बल्लेबाज थे. इस टक्कर ने मुकाबले को और भी रोमांचक बना दिया था.
भारत के सामने 274 रन का लक्ष्य
पहले बल्लेबाजी करते हुए पाकिस्तान ने सईद अनवर के शानदार शतक की बदौलत 273 रनों का स्कोर खड़ा किया. अनवर ने 101 रनों की बेहतरीन पारी खेली और अन्य बल्लेबाजों ने भी योगदान दिया. उस समय 274 रन वर्ल्ड कप जैसे बड़े मंच पर किसी भी टीम के लिए चुनौतीपूर्ण स्कोर माना जाता था. भारतीय टीम को जीत हासिल करने के लिए मजबूत शुरुआत और मध्यक्रम की स्थिरता की जरूरत थी.
शोएब अख्तर बनाम सचिन तेंदुलकर
भारतीय पारी की शुरुआत सचिन और सहवाग ने की. शुरुआती ओवरों में वसीम अकरम और शोएब अख्तर की धारदार गेंदबाजी देखने को मिली. शोएब के दूसरे ओवर की चौथी गेंद पर सचिन ने वह शॉट खेला जिसने इस मुकाबले को हमेशा के लिए यादगार बना दिया. थर्ड मैन की दिशा में लगाया गया वह ऊंचा छक्का आज भी क्रिकेट फैंस के जेहन में ताजा है. शोएब की 150 किमी/घंटा से ऊपर की स्पीड वाली गेंद पर इतना शानदार शॉट लगाना सचिन की क्लास और आत्मविश्वास को दर्शाता है. उस छक्के ने भारत की पारी का रुख बदल दिया और पाकिस्तानी गेंदबाजों पर दबाव बना दिया.
सचिन की पारी बनी भारत की जीत की नींव
सचिन ने इस मुकाबले में 75 गेंदों में 98 रनों की धुआंधार पारी खेली. उनकी बल्लेबाजी में 12 चौके और 1 शानदार छक्का शामिल था. हालांकि वह शतक से मात्र दो रन दूर रह गए लेकिन उनका योगदान भारत की जीत में निर्णायक साबित हुआ. सचिन के आउट होने के बाद भी भारतीय बल्लेबाजों ने गति बनाए रखी. सहवाग ने 21 रन बनाए, मोहम्मद कैफ ने 35 रनों का योगदान दिया, राहुल द्रविड़ ने 44 रन जोड़े और युवराज सिंह 50 रन बनाकर नाबाद लौटे. इन सभी पारियों ने भारत को 6 विकेट से शानदार जीत दिलाई.
ऐतिहासिक जीत और सचिन की विरासत
इस जीत के बाद पूरे भारत में जश्न का माहौल था. भारत ने वर्ल्ड कप में पाकिस्तान के खिलाफ अपना अपराजित रिकॉर्ड बरकरार रखा. सचिन की पारी को “वन ऑफ द बेस्ट वर्ल्ड कप नॉक” कहा गया. उनके थर्ड मैन की दिशा में लगाए गए छक्के को अब भी “सेंचुरियन छक्का” के नाम से याद किया जाता है. यह मैच इस बात का गवाह बना कि क्यों सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट का भगवान कहा जाता है. उनकी बल्लेबाजी ने ना सिर्फ भारत को जीत दिलाई बल्कि करोड़ों भारतीयों के दिलों में अमिट यादें भी छोड़ दीं.
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