Gautam Gambhir Warn Harshit Rana: भारत और ऑस्ट्रेलिया (India vs Australia) के बीच सीरीज के आखिरी और तीसरे वनडे मुकाबले में युवा तेज गेंदबाज हर्षित राणा (Harshit Rana) ने अपनी छाप जबरदस्त तरीके से छोड़ी है. आलोचनाओं और सोशल मीडिया की चुनौतियों के बीच, उन्हें अपने गुरु गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) की सख्त लेकिन प्रेरणादायक बात ने एक नया आत्मविश्वास दिया. जब गंभीर ने कहा परफॉर्म कर वरना बाहर बैठा दूंगा यह कड़वा सच राणा के अंदर की आग को भड़का गया, और उसने मैदान में बोलकर अपना हक जमाया.
इस सीरीज से पहले कई पूर्व क्रिकेटरों ने कहा था कि राणा का चयन गंभीर की पसंद की वजह से हुआ है. लेकिन सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में उस दबाव में राणा ने 4 विकेट लेकर साबित कर दिया कि वह केवल गंभीर का चहेता गेंदबाज नहीं है, बल्कि भविष्य का एक दमदार सितारा है.
गंभीर का कठोर संदेश
गौतम गंभीर जो हर्षित राणा के मेंटर रहे हैं उन्होंने सीरीज की शुरुआत से ही उनपर विश्वास जताया था. लेकिन साथ ही उन्होंने एक बेहद सख्त चेतावनी भी दी कि अगर तुम प्रदर्शन नहीं करोगे, तो तुम्हें टीम से बाहर कर दूंगा. राणा के लिए यह सिर्फ एक अल्टीमेटम नहीं था बल्कि एक बड़ा मोटिवेशन बन गया.
सोशल मीडिया ट्रोलिंग
राणा को टीम में चुने जाने पर पहले ही बहुत विवाद था. कुछ लोग कह रहे थे कि उनका चयन अरशदीप सिंह की तुलना में ठीक नहीं है, और यह सब गंभीर का पक्षपात है. हर्षित ने सार्वजनिक रूप से लड़ने के बजाय शांतिपूर्वक प्रतिक्रिया देना चुना. उन्होंने आलोचनाओं को अपने अंदर की झिलमिलाहट में बदल दिया और यह तब और अधिक स्पष्ट हुआ जब उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलते हुए शानदार प्रदर्शन किया.
करियर-सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी में तीसरे वनडे मैच में हर्षित राणा ने वास्तव में करियर-बेस्ट प्रदर्शन दिया. इस मैच में उन्होंने 4 विकेट झटके. एलेक्स केरी, मिचेल ओवेन, कूपर कॉनॉली और जोश हेजलवुड का विकेट राणा के नाम रहा. यह उनके वनडे करियर का अब तक का सबसे शानदार प्रदर्शन भी रहा. मैच में हर्षित ने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को बड़ा झटका दिया. उनका दूसरा स्पेल विशेष रूप से असरदार था. उन्होंने अच्छी लय, गति और गेंद की विविधता के साथ बल्लेबाजों को चकमा दिया. इसे देखकर ऐसा लगा कि उन्होंने न सिर्फ अपनी प्रतिभा को जजाया है, बल्कि टीम के भरोसे को भी सार्थक कर दिया है.
टीमवर्क की ताकत
राणा ने यह माना है कि सिर्फ व्यक्तिगत मेहनत ही नहीं, बल्कि टीम-मैनेजमेंट और साथी खिलाड़ियों का सहयोग भी उनकी सफलता के पीछे है. खासकर कप्तान शुभमन गिल ने रोहित शर्मा के साथ मिलकर रणनीति बनाई, और उनके सुझावों को मानकर राणा ने बड़ा फायदा उठाया. इसके अलावा कोच गंभीर ने उन्हें न सिर्फ तकनीकी सलाह दी, बल्कि मानसिक रूप से भी मजबूत बनाया. इस तरह का मेंटर-प्रोटेगे रिश्ता राणा को दबाव में बेहतर प्रदर्शन करने में मददगार साबित हुआ.
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